UPSC SUCCESS STORY: हेड कांस्टेबल संजय दुबे पुलिस की नौकरी ज्वाइन करने के बाद जो वर्दी को देखकर हमेशा सलाम करते रहे। इस वर्दी को आज उनके बेटे ने हासिल कर लिया। भविष्य में यदि पिता पुत्र की आई किसी एक क्षेत्र में हो जाती है। तो फिल्मों में बेटे को सलाम करते पिता दिखाया जाने वाला सीन हकीकत में बदल जाएगा। इसकी कल्पना मात्र से ही पिता संजय दुबे गदगद हैं। हवलदार संजय दुबे के बेटे विशाल दुबे ने UPSC की परीक्षा कर IPS बनना पक्का कर लिया है।
कमाल की बात ये है कि विशाल ने महज 22 साल की उम्र में कठिन तपस्या के बल पर पहली ही परीक्षा में अफसर बनने का सपना पूरा कर लिया है।डीएसपी कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल संजय दुबे के बेटे विशाल ने यूपीएससी की परीक्षा पास की है। अपने पहले ही प्रयास में विशाल दुबे 296वीं रैंक हासिल कर आइपीएस के लिए चयनित हुए हैं। फर्रुखाबाद के नीम करोरी निवासी संजय दुबे बिल्हौर के एसीपी कार्यालय में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। वह मार्च माह में ही फिरोजाबाद से स्थानांतरित होकर बिल्हौर आए हैं।
बिल्हौर एसीपी कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल संजय दुबे मूल रूप से फर्रुखाबाद जनपद के नीम करोली गांव के निवासी हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी रेनू , बेटी वैष्णवी व बेटा विशाल हैं। उनके अनुसार उनके बेटे विशाल ने मैनपुरी में उनके साथ रहते हुए पढ़ाई आरंभ की । वह बचपन से ही पढ़ने में तेज था। उसने कभी भी कोई जिद नहीं की।
कक्षा 6 में जब उसके प्रवेश की बारी आई तब सैनिक स्कूल नैनीताल और मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु दोनों जगह उसका चयन हो गया। उन्होंने बताया कि विशाल की प्राथमिक शिक्षा फिरोजाबाद से हुई है। कक्षा छह से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उसने राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु से की है। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई सेंट जोंस कालेज आगरा से पालिटिकल साइंस विषय से की है।
इस बार की यूपीएसी परीक्षा में पुलिसकर्मियों के बेटों ने कामयाबी का परचम लहराया है। कामयाबी पाने वालों में डीजीपी से लेकर SP और भी ASI से लेकर सिपाही तक के बेटे-बेटी शामिल हैं। ऐसा ही एक होनहार यूपी के बिल्हौर का भी है।कक्षा 6 में जब उसके प्रवेश की बारी आई तब सैनिक स्कूल नैनीताल और मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु दोनों जगह उसका चयन हो गया। नैनीताल की फीस 1.25 लाख थी और बेंगलुरु की फीस केवल 25 रुपए थी। वेतन कम था तो घर में सभी लोग चिंतित हो गए कि प्रवेश कहां दिलाया जाए।
ऐसे में कम उम्र के विशाल ने फैसला लिया कि वह बेंगलुरु में दाखिला लेगा।कक्षा 11 की पढ़ाई के दौरान विशाल ने इंडिया की परीक्षा पास की और कक्षा 12 की पढ़ाई के दौरान क्लैट और दोबारा एनडीए की परीक्षा पास कर ली। वर्ष 2023 में उसने नेट जेआरएफ पास किया। किसी बीच आगरा में सेंट जोंस कॉलेज से स्नातक करवा दिल्ली चला गया।