शिक्षक न्यूज। 80 हजार सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षक को स्कूल अवधि में अनावश्यक मोबाइल चलाने की मनाही का आदेश जारी हुआ है। बिहार के शिक्षा विभाग ने स्कूल अवधि में शिक्षकों की वाट्सएप व अन्य चैटिंग पर भी रोक लगा दी है. इसके साथ ही शिक्षक शॉर्ट वीडियो और रील्स भी नहीं बना सकेंगे. शिक्षक केवल शैक्षणिक गतिविधियों के लिए और जरूरी कॉल का उपयोग कर सकेंगे. इस पर प्रधानाध्यापकों को सख्त निगरानी के आदेश दिए है.

क्यों जारी करना पड़ा आदेश

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस आदेश को कड़ाई से लागू करने को कहा है। विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि कई शिक्षक ऐसे हैं जो शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान अपने फोन पर वाट्सएप चैटिंग और दूसरी गतिविधियों पर लिप्त रहते हैं. इससे पठन-पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और अनुशासन की मर्यादा भंग होती है। इस तरह की रिपोर्ट आने के बाद विभाग की तरफ से यह सख्त कदम उठाया गया है.

निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की उपस्थिति पर विभाग सख्त निर्देश रहता है. इसका फायदा भी हुआ है. अधिकतर शिक्षक समय पर स्कूल के साथ उपस्थित रहने लगे हैं. अब विभाग का फोकस है कि जो शिक्षक उपस्थित रहते हैं वो केवल शैक्षणिक गतिविधियों में ही शामिल रहेंगे.

शिक्षा सचिव ने दिया ये आदेश

केके पाठक ने आदेश जारी कर कहा कि सभी शिक्षक स्कूल समय से आते हैं और अधिकांश शिक्षक निष्ठापूर्वक शिक्षण कार्य में लगे रहते हैं, लेकिन इनमें से कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो बच्चों को टास्क देकर वाट्सएप और रील्स देखने में लग जाते हैं. इसलिए विभाग ने इस पर सख्ती लगाते हुए स्कूल अवधि में इस तरह के सोशल मीडिया में व्यस्त रहने पर रोक लगायी है. अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि अनिवार्य काॅल या शैक्षिक गतिविधियों के लिए ही वह मोबाइल का उपयोग कर सकेंगे. इस पर कड़ी निगरानी का आदेश दिया गया है।

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