Bengal Teacher Recruitment Scam: हाईकोर्ट ने कोलकाता शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द कर दी है। चुनाव के दौरान राज्य सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल टीचर भर्ती को रद्द करने का फैसला लिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2016 एसएससी भर्ती (Teacher recruitment scam) के पूरे पैनल को अमान्य घोषित कर दिया है. 9वीं से 12वीं और समूह सी और डी तक की सभी भर्ती रद्द कर दी गई है. कोर्ट ने प्रशासन को अगले 15 दिनों में नई नियुक्तियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ये मामला काफी दिनों से चल रहा था. इस फैसले से 24 हजार नौकरियां रद्द हो जाएंगी। इस मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने 2022 में ही गिरफ्तार किया था। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी भी गिरफ्तार हो चुकी हैं, शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है।

हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग पैनल द्वारा की गई स्कूल शिक्षक भर्ती रद्द कर दी है। हाईकोर्ट ने 2016 का पूरा जॉब पैनल रद्द कर दिया है और लगभग 24 हजार नौकरियां हाई कोर्ट ने रद्द कर दीं। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने तक की आरोप हैं। बता दें कि भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कई तृणमूल पदाधिकारियों के साथ ही राज्य शिक्षा विभाग के कई अधिकारी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों कथित अनियमितताओं की जांच कर रही हैं।

23 लाख स्टूडेंट ने दी थी परीक्षा
पीठ ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग को नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. एसएलएसटी-2016 में 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए थे. खंडपीठ ने आदेश पर रोक लगाने की कुछ अपीलकर्ताओं की अनुरोध को भी खारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ क्षण बाद, इसके परिसर के बाहर इंतजार कर रहे सैकड़ों स्कूल नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार खुश हो गए, जबकि कई लोग रोने लगे. उनमें से एक ने कहा-सड़कों पर वर्षों के संघर्ष के बाद आखिरकार न्याय मिला, हम इस दिन का इंतजार कर रहे थे.

जानिये क्या है पूरा मामला
यह घोटाला 2014 का है. तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी. उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे. इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला है. इतना ही नहीं कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी. जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है. इसी तरह से राज्य में 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं। हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद ईडी ने शिक्षक भर्ती और कर्मचारियों की भर्ती के मालमे में मनी ट्रेल की जांच शुरू की थी. सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को पार्थ चटर्जी से पूछताछ भी की थी।

जब ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद किए थे 21 करोड़
ईडी ने इस मामले में इस साल मई में जांच शुरू की थी. ईडी ने 22 जुलाई, 2022 को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी. पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे. जब पार्थ चटर्जी से अर्पिता की पहचान पूछी गई, तो उन्होंने इस बारे में संतोषजनक उत्तर नहीं दिया. इसके बाद ईडी के रडार पर अर्पिता मुखर्जी आ गईं।जब ईडी ने अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा तो करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले.24 जुलाई को ईडी ने अर्पिता और पार्थ को गिरफ्तार कर लिया. दोनों अभी ईडी की कस्टडी में हैं और पूछताछ चल रही है. ईडी की पूछताछ में अर्पिता ने अपनी कुछ संपत्तियों के बारे में जानकारी दी थी।

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