Yashaswini Sahay Biography In Hindi : … ना सुबोधकांत सहाय…ना रामटहल चौधरी और ना ही बन्ना गुप्ता…रांची में कांग्रेस प्रत्याशी की तलाश आकर खत्म हुई यशस्विनी सहाय पर। रविवार की देर शाम जब से पार्टी ने यशस्विनी सहाय को रांची से कांग्रेस प्रत्याशी ऐलान किया है, तभी से लोग जानना चाहते हैं कि आखिरकार यशस्विनी सहायक हैं कौन? और उन्हें कांग्रेस ने आखिर अचानक प्रत्याशी बना कैसे दिया। आइये हम बताते हैं कि आखिरकार यशस्विनी सहाय कौन हैं और उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या रही है।

यशस्विनी सहाय के नाम की चर्चा रविवार की दोपहर से ही शुरू हो गयी थी, जब वो उलगुहान महारैली के मंच पर जाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आशीर्वाद लेने पहुंची थी। रैली खत्म होने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस ने दो प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया, जिसमें गोड्डा से दीपिका पांडेय की जगह प्रदीप यादव का नाम था, तो दूसरी तरफ रांची की बची सीट से यशस्विनी सहाय का नाम था।

सुबोधकांत सहाय की बेटी है यशस्विनी सहाय (who is Yashaswini Sahay)
चुनावी राजनीति में पहली बार उतरी यशस्विनी सहाय (Yashaswini Sahay) की खुद की पहचान से ज्यादा बड़ी पहचान अभी यही है कि वो पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी हैं। यशस्विनी सहायक की मां रेखा सहाय टीवी एक्ट्रेस रही हैं। यशस्विनी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई के बाद मुंबई से बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने ट्रांस्नेशनल क्राइम एंड जस्टिस (यूनाइटेड नेशंस क्राइम एंड जस्टिस रिसर्च इंस्टीट्यूट), टुरिन, इटली से लॉ में मास्टर डिग्री हासिल की।

पेशे से वकील है यशस्विनी सहाय
यशस्विनी सहाय (Yashaswini Sahay) फिलहाल मुंबई फैमिली कोर्ट और मुंबई सेशन कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस कर रही हैं. वह गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्था कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन से भी जुड़ी हैं और सीनियर वकील मरूनालनी देशमुख के साथ जुड़कर लीगल एडवाइजर के रूप में काम कर रही हैं. इसके तहत यशस्विनी झारखंड में बाल श्रम, यौन शोषण की रोकथाम और पोक्सो एक्ट के सफल कार्यान्वयन के लिए काम कर रही हैं. पीड़ित मानवता के सेवार्थ झारखंड में यशस्विनी के कामों को पिछले कुछ समय में काफी तारीफ मिली है।

सुबोधकांत सहाय का टिकट कटा
रांची से सुबोधकांत सहाय के भी चुनाव लड़ने की चर्चा थी। हालांकि लगातार हार के बाद टिकट बदलने की भी चर्चा चल रही थी, लेकिन उनकी बेटी को टिकट मिल जायेगा, इसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। रांची लोकसभा सीट पर लंबे समय तक बीजेपी के कब्जे में रही है. साल 1991 से 1999 के बीच हुए 4 चुनावों में बीजेपी के रामटहल चौधरी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2014 में भी उन्होंने जीत हासिल की। 2019 में बीजेपी ने इस सीट से संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की। रांची लोकसभा सीट से सुबोधकांत सहाय भी तीन बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने पहली बार साल 1989 में जनता दल के टिकट पर रांची से जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने साल 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी।

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