बिलासपुर। चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में अब पुलिस सख्त हो गयी है। इंटरनेट पर बच्चों के सेक्सुअल VIDEO और कंटेंट अपलोड करने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। ये कार्रवाई दिल्ली एन.सी.आर.बी. द्वारा सीसीपीडब्ल्यूसी योजना के तहत मिने इनपुट्स पर की गयी है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक शिक्षक समेत 11 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बच्चों के अश्लील वीडियो, कंटेंट, आपत्तिजनक सामिग्रियां अपलोड किये जाने की शिकायत पर ऐसी कार्रवाईयां देश भर में चल रही है।

इन आरोपियों ने अपने मोबाइल और कंप्युटर के जरिये इंटरनेट पर अश्लील सामिग्रियां अपलोड की थी। जिसपर शिकायत के बाद बिलासपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बिलासपुर के एक हाईस्कूल शिक्षक सहित 11 आरोपियों को पुलिस ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये आरोपियों में गिरफ्तार हाईस्कूल शिक्षक का नाम रामाकांत शर्मा है, जो शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला भरारी विकासखंड बिल्हा में गणित के शिक्षक के पद पर पदस्थ है।

पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।भारत सरकार गृह मंत्रालय नई दिल्ली की एन.सी.आर.बी. द्वारा सीसीपीडब्ल्यूसी योजना के माध्यम से महिला एवं बच्चों के अश्लील फोटो/विडियो को सोशल मिडिया पर अपलोड होने की सतत निगरानी की जा रही है। जिसके संबंध में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह के निर्देश पर बिलासपुर पुलिस द्वारा एन.सी.आर.बी. दिल्ली से प्राप्त सायबर टीप लाईन के आधार पर 11 आरोपयों को गिरफ्तार काय गया है।सायबर सेल बिलासपुर से आरोपीयों के जिस आईडी से इस तरह की फोटो/विडियों अपलोड हुई हैं उक्त आईडी के आईपी एड्रेस की जानकारी प्राप्त किया गया एवं आईपी एड्रेस के माध्यम से मोबाईल नम्बर ज्ञात कर धारक की जानकारी लेकर उसका लोकेशन प्राप्त कर आरोपीयों के मोबाईल को जप्त किया गया है।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी क्या है : – What is child pornography?

चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक अपराध है जिसमें बच्चे का यौन आग्रह या नाबालिग की भागीदारी वाली अश्लील सामग्री का निर्माण शामिल. बच्चों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना, फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रेकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना, दूसरों को भेजना आदि भी इसके तहत आते हैं. यहां बच्चों से मतलब है – 18 साल से कम उम्र के लोग.

भारतीय कानून के अनुसार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की तस्वीरें बनाना, उत्पादित करना और शेयर करना गैरकानूनी है. इसके अलावा, चाइल्ड पोर्न कंटेंट रखना और देखना भी अपराध है. POSCO एक्ट 2012 के धारा 14 और 15 में बताया गया है कि किसी भी बच्चे का इस्तेमाल चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए करने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके साथ ही, IT एक्ट की धारा 67B में भी किसी भी तरह के चाइल्ड न्यूड कंटेंट को रखना, ब्राउज करना, डाउनलोड करना, एडवर्टाइज करना, प्रमोट करना और शेयर करना गैरकानूनी है.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर कानून :- Law on Child Pornography?
चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child pornography) में चाइल्ड सेक्स ट्रैफिकिंग (sex trafficking), ऑनलाइन चाइल्ड सेक्स सॉलिसिटेशन (sex solicitation and child molestation) और चाइल्ड मोलेस्टेशन का उत्पादन, स्टोरेज, बाटना और संबंधित अपराध शामिल हैं.
दुनिया भर में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है. इस अपराध के बाद, सरकारें चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करती हैं. इसके अलावा, अपराधों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए संगठनों और समुदायों द्वारा कई पहल भी की जाती हैं.

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