भरतपुर: ‘मुझे 6 लड़की हो गई हैं, सास मुझे परेशान करती है, इसलिए यह कदम उठाया है, मेरी बेटी को पाल लो, तुम्हारा एहसान होगा, मुझे माफ कर दो’.. टूटी-फूटी भाषा में मां के लिखे खत को पढ़ समझ नहीं आ रहा कि उसकी लाचारी का मर्म समझें या फिर कलयुगी मां कहकर कोसे। 21वीं सदी में भी बेटी-बेटे को लेकर समाज के नजरिये पर शर्मिंदा होने का ये मामला भरतपुर का है। जहां एक मां जन्म के बाद बच्ची को अस्पताल परिसर में छोड़कर फरार हो गयी। जाने से पहले उसने एक चिट्ठी लिखी है, जो दिल को छू लेने वाला है।

दरअसल, भरतपुर में मथुरा गेट थाना इलाके में स्थित जनाना (महिला) अस्पताल परिसर में रात करीब 11 बजे रामवीर नाम के व्यक्ति को नवजात के रोने की आवाज सुनी। जब रामवीर उस तरफ गया तो कपड़े में लिपटी हुई नवजात जमीन पर पड़ी हुई थी। वह जोरों से रो रही थी। रामवीर ने जब उसे देखा तो उसके होश उड़ गए। बच्ची के पास कुछ कागज भी पड़े हुए थे। रामवीर बच्ची और उन कागजों को लेकर अस्पताल के अंदर पहुंचा और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों से मिला और सारी बात बताई।

डॉक्टरों ने तत्काल ही बच्ची को वार्ड में एडमिट किया और उसका इलाज शुरू कर दिया। गनीमत, यह रही कि इतनी भीषण गर्मी के बावजूद बच्ची को कुछ नहीं हुआ। आवारा जानवरों से भी बच्ची बची रही। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर बाल कल्याण समिति के सदस्य भी वहां पहुंचे और रामवीर से पूरी बात जानी। अब बच्ची की मां का पता लगाया जा रहा है. वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची का जन्म तीन दिन पहले ही हुआ है।

यह एक लाचार मां के लिखे हुए शब्द हैं, जिसने अपनी नवजात बेटी को लावारिस हालत में भरतपुर के महिला अस्पताल के परिसर में छोड़ा था। पहले से 6 बच्चियों की मां को सातवीं संतान भी बेटी ही हुई। ससुराल की प्रताड़ना से परेशान महिला ने बेटी को अस्पताल परिसर में छोड़ दिया और लेटर लिख कर गायब हो गई।

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