हजारीबाग। मिलावटी शराब के मामले में उत्पाद दारोगा की विभाग ने छुट्टी कर दी है। आरोप सही पाये जाने के बाद विभाग ने जहां दारोगा को सस्पेंड करने का आदेश दिया है, तो वहीं आरोपियों पर मामला दर्ज करने का भी आदेश दिया है। दरअसल मिलावटी शराब का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। वीडियो की जांच पर मामला सही पाया गया। जांच में खुलासा हुआ कि ये वीडियो हजारीबाग की जिला परिषद चौक की एक दुकान के गोदाम का है। जहां अनिल कुमार नामक व्यक्ति शराब में मिलावट करता था।

अनिल कुमार हजारीबाग के उत्पाद दारोगा अखिलेश कुमार का भाई है। जांच में उत्पाद दारोगा अखिलेश कुमार की भी संलिप्तता पाई है। जांच टीम की अनुशंसा के बाद आयुक्त उत्पाद ने दारोगा उत्पाद को निलंबित करने व इस मिलावट के धंधे में शामिल सभी दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे दिया है।

गौरतलब है कि शराब में मिलावट का वीडियो वायरल होने के बाद आयुक्त उत्पाद कर्ण सत्यार्थी ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था।जांच टीम में उपायुक्त उत्पाद मुख्यालय डा. राकेश कुमार, सहायक आयुक्त उत्पाद सुनील कुमार चौधरी व खूंटी के अधीक्षक उत्पाद सह प्रबंधक जेएसबीसीएल अखौरी धनंजय कुमार को शामिल किया गया था। जांच टीम ने हजारीबाग का दौरा किया और पूरे मामले की जांच की तो इसका खुलासा हुआ।

दरअसल, ब्रांडेड शराब की बोतलों में 30 प्रतिशत तक पानी मिलाने का मामला सामने आया था। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। पता चला है कि पानी की मिलावट बड़े 750 मिली वाले बोतलों में संभव नहीं है। यह हाफ व क्वार्टर बोतलों में हो रही है। इसके ढक्कन गर्म पानी से आसानी से निकल जाते हैं। इसमें से 30 प्रतिशत शराब निकालकर उसके स्थान पर पानी मिला दिया जाता है।

एक बड़े बोतल से कई छोटे बोतल बनाए जा रहे हैं और उसकी पैकिंग भी की जा रही है। होटलों-ढाबों व बार से खाली बोतल लेकर इसकी रीफिलिंग की शिकायतें विभाग को मिली है, जिसकी जांच अब विधिवत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद होगी। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को जो सूचना पहुंची थी, उसके अनुसार आरएस, इंपीरियल ब्लू, ब्लैंडर प्राइड व 100 पाइपर की बोतलों में मिलावट हो रही थी।

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