नयी दिल्ली । आम लोगों को टैक्स से कोई राहत नहीं मिली है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में टैक्स में किसी भी तरह के बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट को पेश करते हुए कहा कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करने का प्रस्ताव कर रही हूं। आपको बता दें कि 7 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं लिया जाता है। इनकम टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान की गई है। रिफंड भी जल्द जारी किया जाता है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह दो गुना हो गया है. जीएसटी से अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को बदला गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, राजकोषीय घाटा 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है. 44.90 करोड़ रुपए का खर्च है और 30 लाख करोड़ का रेवन्यू आने का अनुमान है. 10 साल में इनकम टैक्स कलेक्शन तीन गुना बढ़ गया है. मैंने टैक्स रेट में कटौती की है. 7 लाख की आय वालों को कोई कर देय नहीं है. 2025-2026 तक घाटा को और कम करेंगे।

सरकार ने आम आदमी को इस बार इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आप 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स बचा सकते हैं।

वहीं नई टैक्स रिजीम चुनने पर पहले की तरह ही 3 लाख रुपए तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत सैलरिड पर्सन 7.5 लाख रुपए तक की इनकम पर और अन्य लोग 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं।

पुरानी टैक्स रिजीम को उदाहरण से समझें
मान लीजिए, अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख रुपए है। पुरानी टैक्स रिजीम में 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। ऐसे में बचे हुए 2.5 लाख रुपए पर उस व्यक्ति पर 5% के हिसाब से टैक्स की देनदारी बनेगी। यानी, उसे 12,500 रुपए टैक्स चुकाना होगा। पर सरकार इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है।

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