रांची : झारखंड के विधायक और मंत्रियों के वेतन में बढ़ोत्तरी हो सकती है. इसकी पूरी संभावना जतायी जा रही है. विधानसभा सूत्रों के मुताबिक इसी मॉनसून सत्र में वेतन बढ़ोत्तरी से संबंधित प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है. गौरतलब हो कि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वेतन बढ़ोतरी की बात हुई थी.

उस समय बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने दिल्ली की तर्ज पर वेतन बढ़ाने की बात कही थी. तब सरकार की ओर से इस विषय पर स्पष्ट उत्तर नहीं आया था. राज्य में अंतिम बार वेतन में बढ़ोतरी साल 2015 में रघुवर दास सरकार में हुई थी.

मॉनसून सत्र में अगर इस प्रस्ताव पर सहमति बन जाती है तो विधायकों का वेतन 60 हजार रुपये तक हो सकता है. दरअसल, बजट सत्र के दौरान वेतन बढ़ोतरी की बात के बाद सदन ने बीजेपी के वरिष्ठ विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में एक समिति बनायी थी. इस समिति को वेतन बढ़ोतरी से संबंधित रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था. बताया जा रहा है कि इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

क्या है समिति की अनुशंसा ?

बीजेपी के वरिष्ठ विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में बनी विधानसभा की समिति की ओर से मंत्रियों और विधायकों के वेतन बढ़ोतरी से संबंधित जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसके अनुसार विधायकों का वेतन 40 हजार से बढ़ाकर 55 से 60 हजार रुपये प्रतिमाह करने की अनुशंसा की गई है. बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को अब चलते मानसून सत्र में लाने की तैयारी की जा रही है.

बजट सत्र में महंगाई का दिया था हवाला

विधायक और मंत्रियों के वेतन में वृद्धि की बात बजट सत्र के दौरान हुई थी। वेतन बढ़ोत्तरी की बात भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने की थी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली की तरह झारखंड में भी विधायकों का वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने महंगाई बढ़ने के कारण समय की मांग को आधार पर बनाकर विधायकों का वेतन बढ़ाने की मांग की थी।

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