कोडरमा । मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की मंशा जिले में सफल नहीं हो पा रही है। कोडरमा जिला अंतर्गत चंदवारा प्रखंड के चंदवारा पूर्वी में मनरेगा योजना के तहत होने वाले कुंडला चेक डैम निर्माण कार्य में जेसीबी से कार्य किया जा रहा है । मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों में मजदूरों से काम करवाने का निर्देश है।

मनरेगा योजना गरीबों के लिए मजदूरी नहीं बल्कि मजबूरी बन गई है। यहां युवाओं के लिए कोई बड़ा रोजगार न होने से खेती या फिर मनरेगा मजदूरी ही रोजगार के विकल्प हैं। मनरेगा योजना में प्रतिदिन 213 रुपये मजदूरी मिलती है। इसमें काम करने वाले परिवारों को मजदूरी के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं जबकि शहर व गांवों में निजी मजदूरी के कार्यों में हर रोज 400 से 500 रुपये नकद मजदूरी मिल रही है।

JCB के चक्के निशन के साथ मनरेगा का काम

ऐसे में चंदवारा पूर्वी पंचायत के मनरेगा कार्यों में बड़ी गड़बड़ी देखने को मिली। कुंडला चेक डैम निर्माण कार्य में जहां रात होते ही जेसीबी से कार्य को शुरू कर दिया जाता है। मनरेगा के नियमों को ताक में रखकर रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से काम कराने का खेल बदस्तूर जारी है। इस पर प्रशासनिक अधिकारी और मनरेगा से जुड़े अधिकारियों का आंख बंद करना मिलीभगत की ओर इशारा तो करती ही है साथ ही मनरेगा कार्य के लिए पंजीकृत मजदूरों का रोजगार भी छीना जा रहा है।

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