Rape of minor: 7 people including doctor who performed illegal abortion when she became pregnant, got punishment

गिरिडीह। नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भवती कर अवैध गर्भपात कराने के मामले में गिरिडीह के पोक्सो कोर्ट ने एक डॉक्टर सहित सात लोगों को सजा सुनाई. डा यूसुफ आलम को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई, साथ ही पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. इसपर अवैध तरीके से लड़की का अबॉर्शन करने का आरोप था. वहीं इस मामले में मुख्य आरोपी शिवनारायण सिंह को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी, साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

क्या है मामला

नाबालिग से दुष्कर्म और उसका गर्भपात का मामला जिले के निमियाघाट थाना इलाका से जुड़ा हुआ है. जानकारी के अनुसार साल 2015 में नाबालिग शौच के लिए जा रही थी. इसी दौरान नाबालिग को आरोपी शिवनारायण सिंह पकड़कर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. घटना की बात किसी से ना बताने की धमकी दी. पीड़िता छह माह तक कुछ नहीं बोली, लेकिन जब सात महीने बाद वो गर्भवती हुई, तो परिजनों को पूरी बात बताई.

इसके बाद मामले में पीड़िता का निमियाघाट के डॉक्टर यूसुफ आलम के यहां गर्भपात कराया गया. इस दौरान उसका गर्भपात कराने में शिवनारायण सिंह के साथ चार लोगों ने सहयोग किया. इसके बाद निमियाघाट थाना में सारे आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया. पुलिस जांच में आरोप सही पाया गया. जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ही पोस्को कोर्ट ने सभी आरोपियों पर आरोप गठित किया था. आज दोषियों को सजा सुनायी गयी.

इन्हें मिली सजा

शिवनारायण सिंह को पोस्को जज सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत प्रकाश ने सभी दोषियों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनायी. इनमें चार दोषियों को तीन-तीन माह की सजा मिली है. उसमें सोमर सिंह, भोला सिंह, डेगनारायण महतो, टेकल्ला महतो, मनोज महतो शामिल हैं. इन लोगों ने लड़की के गर्भपात कराने में दोषि युवक की मदद की थी.

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