Risk of brain stroke, multi organ failure: देश व प्रदेश में तापमान 40 के पार चल रहा है। शहर में भी यही हाल है। ऐसे में सभी लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं। ये गर्मी और लू अपने साथ कई स्वास्थ्य व शरीरिक समस्याएं भी लोगों के सामने ला रही है। इन सस्मयाओं से बच्चों से लेकर घर बुजुर्ग भी प्रभावित हो रहे हैं। गर्मी की वजह से लोग डिहाइड्रेशन, पेट दर्द, उल्टी, बुखार और डायरिया जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे है। लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी व लू आपके दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकती है। गर्मी की वजह से मिर्गी, दिमागी दौरे, अस्थिरता व सुस्ती के साथ चेतना की गड़बड़ी और ब्रेन स्ट्रोक की समस्या भी खड़ी कर रही है। इसलिए इस भीषण गर्मी से बचने के हर संभव प्रयास करने चाहिए।

जानलेवा है ब्रेन स्ट्रोक
न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल देश का हर छठा व्यक्ति अपनी जिंदगी में कभी न कभी स्ट्रोक की समस्या से रूबरू होता है। हर छठे सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत स्ट्रोक से होती है। 60 से ऊपर की उम्र के लोगों में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण स्ट्रोक होता है।

किस तरह से गर्मी का होता है दिमाग पर असर
दरअसल, जब गर्मी में पसीना अधिक निकलने की वजह से हमारे शरीर में जब पानी की कमी होने लगती है तो ये हमारा ब्रेन और बाकी अंग भी काम करना बंद कर देते हैं। इससे सामान्य आबादी की तुलना में, बच्चे, बुजुर्ग और मानसिक स्वास्थ्य समस्या वाले रोगी में ज्यादा इन बीमारियों का खतरा होता है। इसलिए जरूरी है कि आप डिहाइड्रेशन से बचें। साथ ही गर्मी और लू के असर को अपने शरीर पर कम करने की कोशिश करें। क्योंकि गर्मी में पानी की कमी के साथ साथ पोटेशियम, सोडियम सहित अन्य मिनरल्स की कमी भी हो जाती है। जिससे दिमाग सहित शरीर के अन्य अंग काम करना बंद करना शुरू कर देते हैं। इससे मल्टी आर्गन फेल्योर होने की समस्या सामने आती है।

स्ट्रोक के दो प्रकार

  • स्किमिक स्ट्रोक : धमनियों में चर्बी की मात्रा अधिक होने से वह पतली हो जाती है जिससे ब्लॉकेज आ जाता है। इससे स्ट्रोक पड़ता है। इसे स्किमिक स्ट्रोक करते हैं।
  • ब्रेन हेमरेज : यह स्ट्रोक ब्लड प्रेशर अधिक होने से होता है। इसमें ब्रेन के अंदर रक्त नलिकाओं में लीकेज आ जाता है, जिससे ब्रेन हेमरेज हो जाता है। ब्रेन हेमरेज में ब्रेन के अंदर भी लीकेज होता है और उसके सतह पर भी।

इन लक्षणों को न करें नजरंदाज
कई बार बड़े स्ट्रोक से पहले छोटे स्ट्रोक पड़ता है जिसमें कुछ समय के लिए आंख की रोशनी चली जाती है और फिर लौट आती है। या फिर अंग का कोई हिस्सा कमजोर हो जाता है और फिर ठीक हो जाता है। इसके अतिरिक्त ऐसा चक्कर व तेज सिर दर्द जो जिदंगी में पहली बार हुआ हो। पीड़ित को सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है और वह अचेत भी हो सकता है।

बच्चों के लिए गर्मी और लू से बचाव के टिप्स
-अपने शिशु को पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ दें।

  • बच्चों में गर्मी से संबंधित बीमारियों की पहचान करना सीखें और इनके लक्षणों पर ध्यान दें।
  • डिहाइड्रेशन की जांच करने के लिए बच्चे के पेशाब का रंग देखें। अगर पेशाब गहरे रंग का हो तो ये डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।
  • इसके अलावा अगर आप कहीं ट्रेवल कर रहे हैं तो अपने बच्चे को बिना निगरानी के धूप में खड़ी कार में न छोड़ें।

बड़े और बुजुर्गों के लिए बचाव के टिप्स

जितना हो सके धूप से दूर रहें और इसके लिए आप बाहर जाते समय छाते का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप कुछ खास चीजों का भी ध्यान रखें जैसे कि खूब पानी पिएं, हाइड्रेशन बढ़ाने वाले फल और फ्रूट खाएं और जरूरत पड़ने पर ठंडा होने के लिए जगह ढूंढें और लू से बचें।

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