राँची। वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के द्वारा ” घेरा डालो – डेरा डालो ” कार्यक्रम के तहत- वादा पुरा करो हेमंत सरकार, सहायक अध्यापक आपकेे द्वार ” अनिश्चितकालीन मुख्यममंत्री आवास घेराव राजभवन के समक्ष से प्रारंभ किया गया ।

मोरहाबादी मैदान मे सहायक अध्यापको के अंदोलन के कारण धारा 144 लगाने से सहायक अध्यापकों कार्यक्रम का स्थान नही मिलने से आक्रोश मे थे । राजभवन के समक्ष राज्य भर के तीस हजार से अधिक सहायक अध्यापक जमे हुए थे, पुलिस प्रशासन को चकमा देकर कचहरी होकर मुख्यमंत्री आवास घेराव में हजारो की संख्या में जा रहे पारा शिक्षक को कचहरी एवं मोरहाबादी के बीच मे एसपी आवास के समक्ष रोक दिया गया । जिसे पुलिस प्रशासन एवं सहायक अध्यापक के बीच धक्का- मुक्की हुई, जिसके बाद हजारो की संख्या मे सहायक अध्यापक रोड पर ही बैठ गए।

पारा शिक्षक को सड़क से हटाने में छूटे पसीने

रोड पर धरना-प्रदर्शन कर रहे सहायक अध्यापको को उठाने मे पुलिस और विभाग का पसीना छुट गए, राँची के अनुमंडल पदाधिकारी, प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी एवं प्रशासी पदाधिकारी जयंत मिश्रा ने प्रधान सचिव से 6 जनवरी तक वार्ता का अश्वासन से दे रहे थे, मगर सहायक अध्यापक मुख्यमंत्री से नीचे किसी से वार्ता करने के पक्ष मे नही थे, अंत मौसम को देखते हुए सहायक अध्यापक पुनः राजभवन के समक्ष घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम चलता रहा ।

गिरीडीह के सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने पुनः कल वार्ता का अश्वासन दिया है ।

पारा शिक्षको ने लगाया ये आरोप

मोर्चा के राज्य सदस्य मो सिद्दीक शेख ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ सरकार अपने चार साल कार्यो का बखान करेगी, दुसरे तरफ राज्य के सहायक अध्यापक अपने चीर- परिचित मांग वेतनमान को लेकर ढंड के मौसम हजारो पारा शिक्षक खुले आसमान के नीचे रात गुजारेंगे, सरकार के लापरवाह नौकरशाह का दंश हेमन्त सरकार को झेलना पड़ेगा।

हमारी मुख्य मांगे–

(1) वेतनमान एवं राज्यकर्मी का दर्जा — झारखंड के तमाम सहायक अध्यापकों को बिना विलंब किए अल्पसंख्यक विद्यालय के तर्ज पर वेतनमान (9300—34800) एवं बिहार राज्य के तर्ज पर राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान किया जाए.

(2) आकलन ( दक्षता परीक्षा) / सीटेट को टेट के समतुल्य लाभ देते हुए बिहार राज्य के समान वेतनमान एवं ग्रेड पे दिया जाए।

(3) माननीय दिवंगत शिक्षामंत्री के घोषणा अनुरूप एवं सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 लागू होने के उपरांत मृत सहायक अध्यापकों के आश्रित को प्रावधान को लचीला कर अनुकम्पा का लाभ एवं कल्याण कोष मे जमा 10 करोड़ से 5 लाख का सहयोग दिया जाए

(4) सहायक अध्यापकों के साथ न्याय करते हुए आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका की तरह सेवानिवृत्त 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाए

(5) 2018 में पूर्व की सरकार के समय आंदोलन में सहायक अध्यापकों के ऊपर दर्ज मुकदमे को तत्काल वापस किया जाए ।

(6) दिवंगत शिक्षामंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो जी की घोषणा के अनुरूप EPF मार्च 2022 से तत्काल लागू किया जाए। (वर्तमान में EPF की फाइल माननीय वित्त मंत्री के पास विगत चार महीना से लंबित है)

(7) सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावाली 2021 मे संसोधन कर नगर निगम एवं शहरी क्षेत्र के सहायक अध्यापकों के लिए मानदेय में 4% वार्षिक वृद्धि हेतु स्पष्ट आदेश जारी करने के साथ समझौते के अनुसार सेवा-,पुस्तिका का संधारण एवं प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापको के अवकाश संबंधित स्वीकृति हेतु प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को अधिकूत किया जाए।

कार्यक्रम का नेतृत्व विनोद बिहारी महतो, विनोद तिवारी, सिद्धीक शेख, ऋषिकेश पाठक कुमार सिंह,विकास कुमार चौधरी,सुमन कुमार, नरोत्तम सिंह मुण्डा, सुशील कुमार पांडेय, बेलाल अहमद, निरंजन कुमार दे,नेली लुकस, अभिलाषा झा, जयारानी कुंवर, हरिकृष्ण सिंह, पप्पु सिंह, प्रीति सिंह आदि मुख्य रूप शामिल थे।

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