रांची। पारा शिक्षक जिन्हें वर्तमान में सहायक अध्यापक का नाम से रही है, उनको नियमित नहीं किया जा सकता ? ये बातें सरकार ने लिखित उत्तर में दिया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वर्तमान परिस्थिति में पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) का स्थायीकरण संभव नहीं है।

इनके स्थायीकरण के मामले को झारखंड उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया है। विभाग ने भवनाथपुर के भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही के अल्पसूचित प्रश्न के लिखित जवाब में इसे स्पष्ट किया है। जिसे विधायक भानु प्रताप शाही ने वीडियो जारी कर सार्वजनिक किया है।

देखें भानु प्रताप शाही का वीडियो…

विभाग ने बताई ये वजह

विभाग ने पारा शिक्षकों को वेतनमान देने में कठिनाइयों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इनका चयन संबंधित विद्यालय की ग्राम शिक्षा समिति द्वारा आरक्षण के प्रविधान के बिना किया गया है। वेतनमान लागू करने के लिए पद सृजन आवश्यक है। पद सृजन के लिए रोस्टर का अनुपालन आवश्यक है।

क्या कहता है विभाग

 राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली गठित की है, जिसके तहत इनके टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के मानदेय में एकमुश्त 50 प्रतिशत तथा गैर टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई। साथ ही आकलन परीक्षा उत्तीर्ण करने पर गैर टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के अतिरिक्त 10 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। अब पारा शिक्षक स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं।

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