रांची । राज्य भर के पारा शिक्षक अपने आप को ठगा तो महसूस नहीं कर रहे? ये सवाल आज इसलिए उठ रहे है क्योंकि हेमंत सोरेन पर वादाखिलाफी का आरोप लग रहा है। विपक्ष में रहते हेमंत सोरेन द्वारा 3 महीने के अंदर राज्य भर के पारा शिक्षक को नियमित और वेतनमान का वादा किया गया था वो अबतक पूरा होता दिख नहीं रहा। ऐसे में मतलब साफ है कि कहीं पारा शिक्षक आंदोलन की राह पर तो नहीं जा रहे है?

हेमंत सरकार में शिक्षा विभाग जिम्मा दिवंगत जगरनाथ महतो को दिया गया था, उनके निधन के बाद ये विभाग स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है, उसके वावजूद भी उनकी मांग पूरी नहीं हो रही, जिसके विरोध में बैठकों का दौर जारी है, जिसमें आंदोलन की रणनीति बन रही है।

आंदोलन की बन रही रणनीति

टेट पास सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) ‘एक मांग, वेतनमान’ की मांग को लेकर एक बार फिर व्यापक आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. वर्तमान में हर दिन दो-दो जिलों के टेट पास सहायक अध्यापकों ने राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन कार्यक्रम चला रखा है. जेटेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति ने रविवार को रांची में सभी जिलों से आए जनप्रतिनिधियों के साथ मैराथन बैठक की और आंदोलन को और धारदार बनाने का फैसला लिया

क्या कहते हैं पारा शिक्षक

प्रदेश स्तरीय बैठक में शामिल हुए अलग-अलग जिलों के जेटेट पास सहायक अध्यापकों ने कहा कि वर्तमान सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने 2019 चुनाव से पहले वादा किया था कि सत्ता में आने के तीन महीने के अंदर सभी पारा शिक्षक स्थाई और वेतनमान पर होंगे. लेकिन अब चार साल होने को हैं, आज भी राज्य के टेट पास पारा शिक्षक मानदेय पर हैं.

उनका नाम भले बदल कर सहायक शिक्षक कर दिया गया हो पर हालात नहीं बदले हैं. बता दें कि राज्य में टेट पास सहायक अध्यापकों की संख्या 14042 है. राज्य में प्राथमिक जेटेट पास सहायक शिक्षक को 21 हजार मासिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों को 22500 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलता है.

ये आंदोलन की है तैयारी

फैसले के तहत राज्य के सभी मंत्रियों और सत्ताधारी दलों के विधायकों का आवास का घेराव किया जाएगा. इसके साथ-साथ सभी जिले में स्थानीय स्तर पर ‘एक मांग, एक वेतनमान’ के नारे के साथ मार्च भी निकाला जाएगा. इसके बाद भी अगर मांगें पूरी नहीं होती तो 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर झंडा लेकर राज्यभर से टेट पास पारा शिक्षक रांची में प्रदर्शन करेंगे.

बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी जेटेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के संरक्षक प्रमोद कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि 03 अक्टूबर को कल्याण कोष और EPFO को लेकर विभाग द्वारा बुलाई गई बैठक में जेटेट पास सहायक अध्यापक शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि इन दोनों मुद्दों पर सहमति के बावजूद जेटेट पास सहायक अध्यापक अपनी ‘एक मांग, वेतनमान’ की मांग पर अडिग हैं.

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