रांची: साहेबगंज में हुए एक सौ करोड़ रुपए के अवैध खनन मामले में आरोपी पंकज मिश्रा को आखिरकार इन से विदाई दी गई। सोमवार दोपहर को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की मदद से पंकज मिश्रा को सीआईपी ले जाया गया। सीआईपी के निर्देशक डॉ वासुदेव दास ने बताया कि फिलहाल पंकज मिश्रा का इलाज इमरजेंसी में शुरू किया गया है। प्रारंभिक जांच के बाद ही बताया जा सकेगा कि उसका इलाज नशा मुक्ति केंद्र में किया जाना चाहिए या नहीं। बता दें कि डॉक्टरों के मुताबिक पंकज मिश्रा को फोर्टविन नाम का ड्रग लेने की आदत है। रिम्स मेडिकल टीम का मानना है कि उन्होंने अपने स्तर से प्रयास किया लेकिन सुधार नहीं हुआ। पंकज मिश्रा का इलाज नशा मुक्ति केंद्र में किया जाना चाहिए।

सीआईपी में इलाज नहीं कराना चाहते पंकज मिश्रा


पंकज मिश्रा सीआईपी के नशामुक्ति केंद्र में इलाज नहीं कराना चाहता थे। रिम्स मेडिकल बोर्ड की सलाह पर रांची पुलिस रिम्स के पेइंग वार्ड पहुंची और पंकज मिश्रा से सीआइपी स्थित नशा मुक्ति केंद्र चलने को कहा, तो उसने जाने से इनकार कर दिया था। जेल प्रबंधन ने पीएमएलए कोर्ट को लिखित जानकारी देते हुए कहा था कि रिम्स अधीक्षक को जेल प्रशासन ने अवगत कराया है कि सीआइपी में इलाज की व्यवस्था की जा रही है। पंकज मिश्रा को वहां शिफ्ट कराने पर आपके यहां से छुट्टी कर दी गयी है।

1000 करोड़ के अवैध खनन का है आरोपी

बता देगी साहिबगंज में हुए एक सौ करोड रुपए के अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा को 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले 8 जुलाई को ईडी ने पंकज मिश्रा के साहिबगंज, राजमहल, बढ़रवा, बरहेट, उधवा और मिर्जाचौकी स्थित 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में पंकज मिश्रा के पास से 5 करोड़ 34 लाख नगद और अहम दस्तावेज मिले थे। ऐसे 37 बैंक खातों का पता चला था जिनमें 111 करोड़ 87 लाख रुपये जमा थे। ईडी ने इन्हें भी जब्त कर लिया है।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...