रांची । शिक्षा विभाग ने बेकार पड़े स्कूल भवन को हटाने की मंजूरी दे दी। शिक्षा विभाग के सचिव के रवि कुमार ने जर्जर स्कूल भवन को तोड़ने का आदेश जारी किया है। काफी समय से कई जगह से शिकायत आ रही थी की जर्जर स्कूल भवन से जानमाल का खतरा बना रहता है, और कई जगह ऐसी घटनाएं भी चुकी है। जिसके बाद अब विभाग की नींद खुली और झारखंड के 3428 जर्जर स्कूल भवन को तोड़ने का विभाग ने फैसला लिया।

लेकिन शिक्षा विभाग इसके लिए कोई राशि खर्च नहीं करेगी। विभाग के पास इस मद में कोई पैसा नहीं है। आदेश में कहा गया है। कि इन स्कूलों के मैटेरियल बेचकर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी मजदूरों और जेसीबी का भुगतान करेगी। झारखंड शिक्षा परियोजना ने राज्य में ऐसे 4481 स्कूलों की पहचान की है, जो अत्यंत जर्जर हो चुके हैं। इन स्कूलों को तोड़ने का आदेश शिक्षा विभाग ने दे दिया है, पर तोड़ने के पहने भवन निर्माण विभाग से इसकी अनुमति जरूरी है।

इस जिले के इतने स्कूल भवन का लिस्ट जारी

विद्यालय प्रबंधन कमेटी को दिया गया है जिम्मा

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के. रवि कुमार ने बताया कि स्कूल भवन तोड़ने का काम हेडमास्टरों को नहीं, विद्यालय प्रबंधन कमेटी को दिया गया है। मजदूरों और जेसीबी का भुगतान तोड़े गए स्कूलों के मैटेरियल बेचकर देंगे। बची राशि कोषागार में जमा करने का भी निर्देश दिया गया है।

मालूम हो की आदेश देने और खर्च का मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण जर्जर स्कूल भवनों को तोड़ने की गति धीमी पड़ी हुई है। 4481 जर्जर स्कूलों में से हाल में 1053 स्कूल तोड़े गए हैं। 2133 जर्जर स्कूलों को तोड़ने की अनुमति मिल चुकी है, जबकि 2299 स्कूलों को तोड़ने की अनुमति मिलना अभी बाकी है।

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