रांची। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह अब झारखंड में भी पुरानी पेंशन योजना पर केंद्र ने अड़ंगा लगा दिया है। NPS में जमा राशि को केंद्र ने लौटाने से इंकार कर दिया है। केंद्र ने साफ कर दिया है कि PFRDA में जमा राशि को वापस करने की कोई योजना नहीं है। इस इनकार के बाद राज्यकर्मियों का 18 हजार करोड़ रुपया अटक गया है।

झारखंड सरकार ने विगत सितंबर महीने में राज्यकर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया था और इसकी सूचना पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) को दी थी। पीएफआरडीए के पास झारखंड सरकार और कर्मचारियों के अंशदान के कुल 17930 करोड़ रुपए जमा हैं। राज्य में करीब 1 लाख 95 हजार स्थायी कर्मचारी-अधिकारी हैं। इनमें से 1 लाख 25 हजार कर्मियों के अंशदान की राशि नई पेंशन स्कीम के तहत जमा की गई थी।

झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से एनपीएस की राशि वापस करने का अनुरोध किया था, लेकिन उस पत्र के जवाब में केंद्र ने सपष्ट कर दिया है कि राशि लौटाने का प्रावधान नहीं है। ऐसा ही पत्र पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार को भी दिया जा चुका है। राजस्थान सरकार का तो करीब 41 हजार करोड़ रुपया फंसा हुआ है, वहीं छत्तीसगढ़ का करीब 17 हजार करोड़ रुपया अटका हुआ है।

ऐसे में हेमंत सरकार केंद्र के इस इंकार के जवाब में अब क्या नया विकल्प अपनायेगी इस पर सबकी नजर है। राज्य सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम लेकर आई है तो इसके लिए वह केंद्र के पास जमा पैसे वापस चाहती है, लेकिन इनकार के बाद राज्य की मंशा पर पानी फिर गया है।

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना जारी करके उसकी सूचना केंद्र सरकार को दी है। इन तीनों प्रदेशों ने न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की राशि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी से वापस लौटाने के लिए पत्र भेजा था, लेकिन अथॉरिटी ने इन प्रदेशों को बता दिया है कि इससे संबंधित कानूनों और नियमों में इस राशि को राज्य सरकारों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। जमा राशि वापस न मिलने पर आने वाले दिनों में कर्मियों के सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन के भुगतान में बड़ी समस्या आ सकती है। ऐसे में राज्य सरकार नये विकल्पों पर विचार कर सकती है।

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