रांची। पांच पुलिसकर्मियों की हत्या व हथियार लूट में जांच तेज हो गयी है। सरायकेला-खरसांवा कुकड़ूहाट बाजार में वारदात कर हथियार व कारतूस लूट मामले में NIA ने तीन राज्यों के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। माओवादियों, उनके सहयोगियों और संदिग्धों से संबंधित सरायकेला-खरसांवा जिले में चार ठिकानों के अलावा रांची जिले, बिहार के मुंगेर जिले में और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के एक ठिकाने पर हुई है। छापेमारी में एनआइए को घटना से संबंधित डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश पर NIA ने केस नौ दिसंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में 14 नक्सलियों को आरोपी बनाया था। जांच में ये बातें सामने आयी है कि सभी आरोपी नक्सली संगठन से हैं।

क्या हुई थी घटना
14 जून 2019 की शाम करीब पौने पांच बजे 15-17 माओवादियों ने सरायकेला-खरसांवा जिले के कुकड़ूहाट बाजार में पुलिस पार्टी पर हमला किया था। नक्सलियों ने न सिर्फ पांच पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों की हत्या की थी, बल्कि दो पिस्टल, 70 कारतूस, तीन इंसास, दस मैगजीन व 550 कारतूस भी लूट लिए थे। इस मामले में झारखंड पुलिस ने तिरुलडीह थाने में 15 जून 2019 को प्राथमिकी दर्ज की थी।

हमले के पीछे मूल उद्देश्य था हथियार लूटना और साथी नक्सली प्रदीप स्वांसी की हत्या का बदला लेना था। प्रदीप स्वांसी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, जिसका बदला नक्सलियों ने पांच पुलिसकर्मियों की हत्या से लिया था। पुलिसकर्मियों पर हमले की योजना को बुंडू-चांडिल सब जोन के जोनल कमांडर दस लाख के इनामी कुख्यात नक्सली महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था। महाराज प्रमाणिक ने पिछले साल 21 जनवरी 2022 को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

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