धनबाद । जिले भर के NHM कर्मियों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। ये एनएचएम कर्मियों के अंदरखाने से रिपोर्ट आ रही है ,जो कभी भी जिले के सिविल सर्जन कार्यालय को आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। करीब 6 माह पहले एनएचएम कर्मियों के अनुभव भत्ता को मानदेय में जोड़ने से संबंधित बनाई गई कमिटी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप पाई है।

ऐसा नहीं है की जिला कमिटी की नए नीतिगत निर्णय लाइन हैं बल्कि राज्य द्वारा जारी आदेश को जिले भर के कर्मियों को लागु कराना है। तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख.. किसी भी न्यायालय के आदेश आने संदर्भ में ये कहावत तो आम है पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जो त्वरित कारवाई करने का दंभ भरते हो,अब उनके ऊपर भी ये कहावत बिल्कुल सटीक बैठ रही है क्योंकि बैठक पर बैठक, बैठक पर बैठक का दौर तो खूब चला पर रिजल्ट शून्य बटा सन्नाटा ।

कमिटी के सदस्यों से संबंधित पत्र

क्या है मामला

विभाग में काम कर रहे NHM कर्मियों के लिए अनुभव भत्ता अनुभव भत्ता देने का आदेश वर्ष 2018 में निर्गत किया गया था। अनुभव भत्ता मानदेय का 5-15% तक दिया जाना था। उसके बाद इस अनुभव भत्ता को मासिक दिए जाने वाले मानदेय में जोड़कर भुगतान किया जाना था। परंतु जिले भर के कर्मियों को अनुभव भत्ता तो एकमुश्त तो दे दिया गया परंतु उसे मानदेय में नहीं जोड़ा गया।

क्यों गठित करनी पड़ी कमिटी

NHM कर्मी बार बार ये मांग करने के बाद पूर्व सिविल सर्जन द्वारा मानदेय में जोड़कर भुगतान करने का आदेश जारी किया गया था। जिसे वर्तमान सिविल सर्जन डा आलोक विश्वकर्मा ने संशोधित कर दिया और मामला लटक गया। जिसके बाद कर्मी आंदोलन के मूड में थे। सिविल सर्जन डा आलोक विश्वकर्मा द्वारा प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई वार्ता के बाद कमिटी गठित की गई जिसे जिले भर के कर्मियों का आकलन कर रिपोर्ट सौंपनी थी जो अब तक नहीं हो पाया, हां बैठकों का दौर लगातार जारी है।

डा मंजू दास है कमिटी की अध्यक्ष

आकलन समिति की बैठक के अध्यक्ष जिला कुष्ठ पदाधिकारी डा मंजू दास बनाई गई। कई बार बैठक भी हो चुकी परंतु कमिटी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। कमिटी की अंतिम बैठक 22 फरवरी को हुई थी।जिले भर के कर्मियों की उम्मीद थी कि होली से पहले मानदेय बढ़ोतरी से संबंधित निर्णय ही जायेगा पर ये नहीं हो पाया जिसके बाद कर्मियों में रोष है।

क्या होगा फायदा, कितना बढ़ेगा मानदेय

अनुभव भत्ता मानदेय में जुड़ जाने से जिले भर के करीब 250 – 300 कर्मी को मानदेय बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा। बिना किसी अन्य सुविधा के अल्प मानदेय पर काम करने वाले अनुबंध कर्मियों के लिए ये रामबाण से कम नहीं है। बढ़ती महंगाई में कर्मियों के मानदेय में करीब 3 हजार से 15 हजार तक का इजाफा हो सकेगा। साथ ही कर्मियों को करीब 3 वर्ष का एरियर भी मिल सकेगा जिसकी राशि करीब 2 लाख से लेकर 3 लाख मिलने की संभावना है।

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