Laxman Kevat Encounter Specialist: कांकेर में नक्सलियों के खिलाफ जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब जवानों ने नक्सलियों को घेर कर मारा और 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इस शानदार कामयाबी के बीच एक नाम काफी चर्चा में है और वो है इनकाउंटर स्पेशलिस्ट लक्ष्मण केवट का। नक्सलियों के खिलाफ खौफ का पर्याय बने इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट इस इनकाउंटर में शामिल थे। लक्ष्ण केवट ने अब तक 50 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है।

लक्ष्मण के इनकाउंटर के नाम एक और इतिहास दर्ज है, उन्होंने जहां-जहां इनकाउंटर किया है, वहां एक भी जवान शहीद नहीं हुआ है, हालांकि कुछ जवान किसी ना किसी मुठभेड़ में घायल जरूर हुए हैं, पर शहादत नहीं ही है। 12 सालों में 100 से ज्यादा मुठभेड़ में शामिल रहे लक्ष्मण केवट ने 50 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है। आइये जानते हैं लक्ष्मण केवट के मारे में, जो कांकेर में नक्सल इनकाउंटर के बाद फिर से सुर्खियों में है। लक्ष्मण केवट को अब तक 6 बार वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

 नक्सलियों की मांद में घुसकर मार गिराना लक्ष्मण केवट की फितरत है। कांकेर के बड़गांव थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट नक्सिलयों के लिए काल हैं। आज आलम ये है कि पुलिस इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट का नाम सुनकर नक्सली कांपने लगते हैं। बड़गांव थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट दुर्गम इलाकों में पोस्टेड रहे हैं। वो अब तक आधा दर्जन से ज्यादा बीहड़ों में पोस्टेड रहे हैं। घोर नक्सल प्रभावित थाना आवापल्ली, थाना भैरमगढ़, थाना गातापार, थाना मानपुर में बतौर थाना प्रभारी अपनी सेवा दे चुके हैं।

लक्ष्मण केवट सूरजपुर जिले में साल 2007 में कॉन्स्टेबल के तौर पर तैनात हुए थे। उसके बाद उन्हें वन टाइम प्रमोशन नीति के तहत 2012 में उप निरीक्षक बनाया गया। इस नियम के तहत प्रमोशन पाये सब इंस्पेक्टर की तैनाती नक्सल इलाकों में होती है। लक्ष्मण केवट की पहली पोस्टिंग सबसे संवेदनशील जिला माने जाने वाले बीजापुर में हुई। लक्ष्मण केवट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि पहले उन्हें अन्य लोगों की तरह भी यही यही लगता था कि नक्सली बहुत खतरनाक होते हैं, लेकिन बीजापुर में उन्होंने पहली बार जाना कि नक्सलियों का खौफ सिर्फ हौव्वा है। वो छिपकर युद्ध करते हैं। गोरिल्ला वॉर करते हैं. उसके बाद सरेंडर किए हुए नक्सली, जो उस दौरान सहायक आरक्षक थे। उनके माध्यम से मैंने गोरिल्ला वॉर सीखा। मैंने गोरिल्ला वॉर का उपयोग नक्सलियों के खिलाफ किया. उसकी बदौलत मुझे कई मुठभेड़ में कामयाबी भी मिली।

लक्ष्मण केवट नक्सलियों की हिट लिस्ट में टॉप पर हैं। कई बार नक्सलियों ने लक्ष्मण केवट के नाम पर नक्सलियों ने मौत का फरमान भी जारी किया है, लेकिन संतोष केवट अब भी बिना डरे, बिना हारे नक्सलियों के खिलाफ मुस्तैदी के जुटे हुए हैं। 2020 में नक्सलियों की हिटलिस्ट में संतोष का नाम टॉप पर था। संतोष इस पर एक इंटरव्यू में कहा था कि बीजापुर में पदस्थापना के बाद से कम से कम 15 नक्सलियों का पूरी टीम के साथ एनकाउंटर किया। उसके बाद से नक्सलियों ने मुझे टारगेट कर लिया है। नक्सलियों ने मेरे खिलाफ मौत की सजा देने का फरमान जारी किया है, वरिष्ठ अधिकारी इस बात को समझते हैं. इसलिए मेरी सुरक्षा को ध्यान में रखकर मूवमेंट का आदेश जारी होता है। जब मैं बीजापुर में था, वहां 2016 से 2018 तक रहा। यहां आवापल्ली और भैरमगढ़ इलाके में लगातार नक्सलियों द्वारा इस तरह की गीदड़ भभकी दी गई।

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