मिड डे मिल: राज्य के स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए रसोइयों की कमी है। जल्द ही इस कमी को दूर किया जाएगा। बिहार मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय द्वारा 40 हजार रसोइया की बहाली की जाएगी। फिलहाल यह संख्या अनुमानित है। सभी जिला मध्याह्न भोजन योजना पदाधिकारी से रिक्तियां भी मांगी गयी है। सात जुलाई तक इसकी रिपोर्ट देनी है। बता दें कि मध्याह्न भोजन के लिए रसोइयों की स्कूलों में कमी है। वर्ष 2016 के बाद स्कूलों में रसोइया को नहीं रखा गया है। फिलहाल राज्य के 30 से 35 फीसदी स्कूलों में नियमानुसार रसोइया नहीं है। इससे दिक्कत होती है।

रसोइया के पद पर गांव या फिर पंचायत की महिला को ही बहाल करना है। यह जिम्मेवारी विद्यालय शिक्षा समिति की होती है। रिक्तियां आने के बाद सभी जिला शिक्षा कार्यालय के आदेश पर विद्यालय शिक्षा समिति बहाली करेगी। बता दें कि वर्तमान में राज्य में दो लाख दो हजार रसोइया कार्यरत है। प्रत्येक रसोइया को 1650 रुपए महीना मानदेय मिलता है।

मृत्यु पर दी जाती है चार लाख की राशि मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय के अनुसार कार्यरत रहीं अगर किसी रसोइया की मृत्यु हो जाती है तो उन्हें राज्य सरकार चार लाख रुपये देती है। ऐसा करने वाला देश भर में बिहार एकमात्र राज्य है। अभी तक 3076 रसोइया को यह राशि दी जा चुकी है।

रसोइयां रखने का प्रावधान:

नामांकित बच्चों की संख्या – रसोइया सह सहायक की संख्या

एक से 25-01

26 से 100-02

101 से 200-03

201 से 300-04

301 से 400-05

401 से 500-06

जिन विद्यालयों में कुल नामांकन पांच सौ से अधिक है, वहां अतिरिक्त तीन सौ नामांकन पर एक अतिरिक्त रसोइया सह सहायक को लगाया जाएगा।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...