नयी दिल्ली। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी. उस मामले में अब 9 पुलिस अफसरों पर गाज गिरी है. विस्तृत जांच के बाद ये फैसला लिया गया है. असल में पिछले साल जब पीएम मोदी पंजाब चुनाव के दौरान प्रचार के लिए गए थे, तब किसानों ने उनके काफिले को बीच सड़क पर रोक दिया था. इन 9 अधिकारियों में तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी; तत्कालीन पंजाब पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस चट्टोपाध्याय; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SP) हरमनदीप सिंह हंस और चरणजीत सिंह; अतिरिक्त डीजीपी नागेश्वर राव और नरेश अरोड़ा; इंस्पेक्टर जनरल राकेश अग्रवाल और इंदरबीर सिंह; और तत्कालीन डिप्टी आईजी सुरजीत सिंह (रिटायर्ड) शामिल हैं.

क्या था पूरा मामला
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का ये मामला जनवरी 2022 का है. दरअसल 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बठिंडा पहुंचे थे, जहां से उन्हें हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर हेलिकॉप्टर से जाना था. लेकिन बारिश और खराब विजिबिलिटी के चलते सड़क मार्ड के जरिए वहां तक जाने का फैसला लिया गया. इसमें 2 घंटे से ज्यादा का समय लगना था.

जानकारी के मुताबिक पंजाब के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की तरफ से जरूरी सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि करने के बाद पूरे रूट की योजना बनाई गई थी. हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किमी दूर, जब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर था, तभी कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता ब्लॉक कर दिय था जिसके चलते पीएम मोदी का काफिला करीब 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही अटका रहा. इसे सुरक्षा में बड़ी चूक के तौर पर देखा गया.

मामले के तुरंत बाद गृह मंत्रालय ने एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जिसने एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ पंजाब पुलिस अधिकारियों को तलब किया. ये वो अधिकारी थे जो पंजाब के फिरोजपुर की यात्रा के दौरान पीएम की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे. टीम ने फ्लाईओवर के दौरे के साथ जांच शुरू की जहां सड़क ब्लॉक होने की वजह से पीएम मोदी का काफिला करीब 20 मिनट तक फंसा रहा. गृह मंत्रालय ने तब पंजाब सरकार से इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और कड़ी कार्रवाई करने को कहा था.

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