आगरा। जिस घर में कुछ दिन में शादी की सगाई गूंजने वाली थी, उसे घर में आज माध्यमिक चीख सुनाई पड़ रही है। जम्मू कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए कैप्टन के घर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हैं। मुठभेड़ में आगरा के सपूत कैप्टन शुभम गुप्ता शहीद हुए हैं। उनके शहीद होने की खबर बुधवार शाम 7 बजे परिवार को मिली। खबर सुनते ही परिवार शोक में डूब गया। शुभम से दिवाली पर परिवार के लोगों ने वीडियो कॉल पर बात की थी। तब उन्‍होंने अगले सप्ताह आने की बात कही थी।

6 माह पहले शुभम आगरा आए थे। परिवार के साथ आगरा में शुभम ने अपना 26 वां जन्मदिन मनाया था। आपको बता दें कि आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए थे। शहीद जवानों में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल थे। राजौरी में सेना को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग हुई जिसमें आतंकियों से मुकाबला करते हुए कैप्टन शुभम गुप्ता शहीद हो गए।

आगरा के फेस 1 प्रतीक एन्क्लेव के रहने वाले बसंत गुप्ता डीजीसी क्राइम के शासकीय अधिवक्ता है। उनके बेटे शुभम गुप्ता 9 पैरा स्पेशल फोर्स में कैप्टन थे। शुभम का चयन वर्ष 2015 में हुआ था। हाईस्कूल की परीक्षा पास के करने के बाद से शुभम सेना में जाने की तैयारियों में जुट गए थे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि बुधवार की शाम करीब 4 बजे उन्हें फोन आया कि राजौरी मुठभेड़ में शुभम घायल हो गए हैं। इसकी सूचना पाते ही शुभम के भाई ऋषभ गाड़ी लेकर जम्मू के लिए निकल गए थे। रास्ते में शुभम के शहीद होने की सूचना मिल गई।

पिता बसंत गुप्ता शुभम की शादी की तैयारियां कर रहे थे। दिवाली पर शुभम की अपने छोटे भाई ऋषभ, मां और पिता से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। शुभम ने अगले सप्ताह आने की बात कही थी। घर वाले शुभम का इंतजार कर रहे थे। इधर पिता बसंत गुप्ता शुभम की शादी की तैयारियों में लगे थे। शुभम के आने पर उसकी सगाई का कार्यक्रम होना था, लेकिन शुभम तो नहीं आया, उसकी शहादत की खबर जरूर आ गयी।

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