पटना: यूट्यूबर मनीष कश्यप की आज पटना सिविल कोर्ट में पेशी हुई। सब जज मनोरंजन झा की कोर्ट ने मनीष कश्यप को बेऊर जेल में रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा जब तमिलनाडु के कोर्ट में सुनवाई होगी, तब उसे वापस ले जाया जाएगा। कोर्ट में पेशी के बाद मनीष बाहर निकला तो रोने लगा। कोर्ट के बाहर मनीष के समर्थकों का जमावड़ा लगा है।

बता दें कि मनीष की 11 बजे कोर्ट में पेशी होनी थी। इसको लेकर बेऊर जेल से पुलिस सुबह 10 बजे ही मनीष को लेकर पटना सिविल कोर्ट पहुंची थी। EOU ने अपने केस को लेकर रिमांड मांगा था।

मनीष कश्यप के वकील शिवानंदन भारती ने कोर्ट में दलील दी कि तमिलनाडु में चल रहे सभी केसों में बेल मिल गई है। वहां का कल्चर बिल्कुल अलग है। वहां रहन-सहन, खानपान आदि में काफी दिक्कत हो रही है। कालापानी जैसी सजा महसूस कर रहे हैं। पटना में चल रहे केस लंबित है। इसलिए यहीं रखा जाए।

वकील ने कहा कि कोर्ट हमारी बातों से संतुष्ट होते हुए आदेश दिया कि मनीष अब बिहार के जेल में ही रखा जाए। अगर तमिलनाडु पुलिस को जरूरत होगी तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूछताछ करेगी।

EOU ने चार केस दर्ज किया था

मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के खिलाफ पटना में EOU ने कुल 4 केस दर्ज कर रखा है। जिसमें दो केस में यूट्यूब की पेशी हुई। इसमें पहला केस तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने से जुड़ा है।

दूसरा केस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मौत पर जश्न मनाने और आपत्तिजनक शब्द कहे जाने के पुराने वायरल वीडियो का है। मार्च में तमिलनाडु प्रकरण के दौरान ही इस मामले में सोशल वर्कर निशांत वर्मा ने EOU से शिकायत की थी। उनके बयान पर 24 मार्च को यह केस दर्ज किया गया था।

भाई ने सवाल उठाए

मनीष के भाई करन कश्यप ने मनीष के बेतिया से पटना लाने पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब पुलिस मनीष को लेकर बेऊर जेल पहुंची तो जेल प्रशासन ने उसे लेने से इनकार कर दिया। काफी जद्दोजहद के बाद एक रात के लिए जेल प्रशासन ने मनीष कश्यप को बेऊर जेल में रखने को राजी हो गई।

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