रांची। झारखंड राज्य आजीविका पीआरपी बीएपी संघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश के सभी प्रखंडों में 2014 से कार्यरत पीआरपी, बीएपी महंगाई के अनुरूप मानदेय वृद्धि, क्षेत्र भम्रण भत्ता में वृद्धि, जेएसएलपीएस के एचआर पॉलिसी से जोड़कर इसका लाभ देने संबंधित मांगों को लेकर संघर्षरत है। मंगलवार को पूरे प्रदेश के सभी पीआरपी, बीएपी ने काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज किया।

बुधवार को ट्विटर कंपेनिंग के माध्यम से भी विरोध दर्ज करेंगी। संघ ने सूबे के 81 विधानसभा के विधायक, कैबिनेट के सभी मंत्रियों, विभाग के सचिव, जेएसएलपीएस के सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को अपने मांगों को लेकर कई बार पत्राचार किये। सदन में कई बार पीआरपी, बीएपी के मांग पर बात उठाई गई परंतु इसका कोई सकारात्मक असर नही दिखाई दिया विवश होकर सितंबर 2022 में तीनदिवसीय हड़ताल करने के बाद आश्वासन मिला।

कर चुके है 50 दिन का हड़ताल

इसपर कोई ठोस कार्रवाई न कर विभाग ने मानदेय में बढ़ोतरी करने के बजाय संकुल संगठन से प्रोत्साहन राशि शर्तों के साथ लेने के लिए लेटर निकालकर परेशान किया जिसके फलस्वरूप विवश होकर दिसंबर 2022 में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में 50 दिन बैठना पड़ा ।इसके बाद भी आश्वाशन देकर हड़ताल से वापसी कराया गया। परंतु अभी तक मांग को लेकर सरकार और विभाग सकारात्मक निर्णय नही लिया है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा

संघ के राज्याध्यक्ष मुन्ना कापरी ने बताया कि संघ ने 13 दिसंबर 2023 को कार्यकारिणी बैठक बुलाई थी जिसमे प्रदेश के सभी जिलों के जिलापदधिकारी के उपस्थिति में मांग और सरकार तथा विभाग के रवैये पर चर्चा करके विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार को विवश होकर 16 से 17 जनवरी तक काला बिल्ला लगाकर राज्य के सभी पीआरपी, बीएपी विरोध प्रदर्शन किया।

18 को होगा धरना प्रदर्शन

वहीं 18 जनवरी 2024 को हेहल स्थित जेएसएलपीएस राज्य कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेगी। इसके बाद भी सरकार , विभाग के द्वारा मांगो पर कोई सकारात्मक पहलू पर कार्य नही होगा तो संघ अपनी विरोध दर्ज करने के लिए ठोस कदम उठाने को बाध्य होगी। विरोध करने वालों में प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष नारायण महतो, सचिव मुस्तकीम राजा, कोषाध्यक्ष ऋचा देवी, सविता देवी, कार्तिक कुमार, दीपक कुमार सहित अन्य शामिल हैं।

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