नयी दिल्ली। सांसद-विधायक बनने की चाहत तो कईयों की होती है, लेकिन कहते हैं आपके पास इसके लिए पार्टी के साथ-साथ किस्मत का भी साथ होना जरूरी है। पार्टी भी मिल गयी, किस्मत की भी मेहरबानी रही, तो फिर जनता का साथ जरूरी होता है। लेकिन कई ऐसे में बदनसीब हैं, जिन्होंने अच्छी खासी सरकारी नौकरी नेतागिरी के चक्कर में छोड़ी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।। अब तो इनके लिए कहना पड़ रहा है, ना खुदा ही मिला, ना विसाल-ए- सनम… जी हां हम बात कर रहे हैं, IPS आनंद मिश्रा की।

बेहद ही तेज तर्रार IPS आनंद मिश्रा असम कैडर के अफसर थे। अच्छी पोस्ट थी, रूतबा, लाखों रुपये सैलरी… लेकिन नेतागिरी की सनक ऐसी चढ़ी, कि नौकरी छोड़ दी। लेकिन पार्टी उन्हें टिकट नहीं दी। अब ना तो बदन पर खाकी रह पायी और ना ही खाकी ही चढ़ पायी। बिहार निवासी असम कैडर के आईपीएस अधिकारी आनन्द मिश्रा को भारतीय जनता पार्टी लोकसभा बक्सर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाएगी, लेकिन बक्सर लोकसभा सीट पर इंडिया और एनडीए गठबन्धन ने अपने -अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, और आनन्द मिश्रा उम्मीदवारी की राह देखते रह गए।

सियासत के मैदान में मिश्रा को राजनेताओं के आगे मुंह की खानी पड़ी। मिश्रा के साथ इस व्यवहार से स्थानीय लोगो में भी काफी नाराजगी है। सियासी मैदान में चूकने के बाद आनन्द मिश्रा अपनी इज्जत बचाने के लिए अब सोशल कैम्पेनिग कर खुद को स्थापित करने की कोशिश में लगे हुए है। आनंद मिश्रा के साथ वही हुआ जो , 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डीजीपी का पद त्यागकर विधायक बनने का सपना लेकर बक्सर पहुँचे गुप्तेश्वर पांडेय के साथ हुआ था।

सियासी मैदान में नेताओं ने उन्हें ऐसी पटकनी दी की नेता बनने का ख्वाब हमेशा के लिए त्यागकर वह कथावाचक बन गए. उससे पहले लालू के शासनकाल में बिहार के डीजीपी डीपी ओझा ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे, और आज वह कहां है किसी को खबर तक नहीं है। रिटायरमेंट के बाद सियासत में आने की एक लंबी परंपरा रही है. इसमें छत्तीसगढ़ के साबिक मुख्यमंत्री अजीत जोगी, मणिशंकर अययर, यशवंद सिन्हा, नटवर सिंह, मीरा कुमार, अरविंद केजरीवाल से लेकर वर्तमान विदेश मंत्री एस. जयशंकर तक के नाम शामिल हैं, जो आइएएस या आइएफएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए.।

वहीं आईपीएस की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखने वालों में के. अन्नामलाई, निखिल कुमार, डॉ. एन नटराज, ए.एक्स. अल्कजेंडर और एजी मौर्या जैसे नाम शामिल हैं. ये उन कामयाब लोगों की लिस्ट है, लेकिन इस सियासत के लालच में अपनी नौकरी गंवाने और फिर न घर के न घाट के रहने वाले आईएएस और आईपीएस की फहरिश्त भी काफी लंबी है. इस लिस्ट में फिलहाल पूर्व आईपीएस आनन्द मिश्रा का नाम भी जुड़ गया है।

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