रांची के चुटिया इलाके से 52 दिन पहले लापता रश्मि मुंडा की हत्या कर उसके शव को जला दिया गया था। ओरमांझी थाना क्षेत्र की उकरिद पहाड़ी पर इस घटना को अंजाम दिया गया था। ओरमांझी पुलिस ने 27 फरवरी को उकरिद पहाड़ी से जिस नरकंकाल को बरामद किया था, वह लापता रश्मि मुंडा का ही था। इस बात का खुलासा गिरफ्तार रश्मि के प्रेमी पंकज ने पुलिस के समक्ष किया है।

उसने पुलिस को बताया कि 13 फरवरी की रात रश्मि उसके पास आ गई। इस दौरान रश्मि उसके साथ रहने की जिद करने लगी। तब उसने ओरमांझी में उसे रखा। एक साथ रहने की बात को लेकर रश्मि के साथ उसका झगड़ा हुआ। बकझक के बाद दोनों आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। इसी दौरान उसने एक भारी चीज से रश्मि के सिर पर मार दिया, जिससे रश्मि की मौके पर ही मौत हो गई। रश्मि की मौत से घबराकर उसने शव को ठिकाने लगाने की सोच ली। जिसके बाद वह रश्मि के शव को एक बोरे में रख कर उकरिद ले गया। घने जंगल के पास ले जाकर शव पर पेट्रोल छिड़कर उसे आग के हवाले कर दिया। उसके बाद पंकज अपनरश्मि रांची के चुटिया थाना क्षेत्र की रहने वाली रश्मि मुंडा 13 फरवरी से गायब थी। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट 14 फरवरी को चुटिया थाने में परिजनों ने दर्ज करायी थी। परिजनों ने पुलिस को बताया कि रश्मि अपने एक दोस्त से मोबाइल लेने की बात कहकर घर से निकली थी, लेकिन वह नहीं लौटी। सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकार्ड के आधार पर पुलिस ने ओरमांझी से पंकज को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने पुलिस को बताया कि रश्मि से उसकी सिर्फ दोस्ती ही थी। इसके बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। मगर पुलिस रश्मि की तलाश में लगी रही।

रश्मि के परिजन पुत्री की हर चीजों को देख रहे थे इसी बीच 25 मार्च को रश्मि के घर में पड़े कुछ किताब के पन्ने को परिजन पलट रहे थे तो उसके अंदर एक डॉक्टर का पर्चा मिला। उस पर्चे को देखकर परिवार वाले सहम गए और भागे-भागे चुटिया थाना प्रभारी वेंकटेश कुमार के पास पहुंचे। दरअसल वह रश्मि के गर्भपात से जुड़ा हुआ पर्चा था।

रश्मि के गर्भपात की जानकारी परिजनों को भी नहीं थी। इसके बाद पुलिस की एक टीम आनन-फानन में उस नर्सिंग होम में पहुंची, जहां रश्मि का गर्भपात किया गया था। रजिस्टर चेक करने पर पुलिस को पता चला कि पंकज ने पति बनकर उसका गर्भपात कराया पुलिस ने पंकज को पकड़ कर थाना लाया। कड़ाई से पूछता उसने हत्या की बात कुबूल की। पकड़े जाने के बाद पंकज पुलिस को एक अलग ही कहानी बताता रहा। पंकज के अनुसार 14 फरवरी की रात रश्मि दूसरे कमरे में सो रही थी, जहां उसने फांसी के फंदे से झूल कर आत्महत्या कर ली थी। डर की वजह से उसने शव को जला दिया था।

52 दिनों से जिस बेटी के जिंदा होने की आस लगाए थे, अब वे उसी के नरकंकाल का अंतिम संस्कार करेंगे। पुलिस की तरफ से इसकी पहल की जा रही है। आवश्यक कागजी कार्रवाई करने के बाद बरामद शव के अवशेष परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।

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