रांची। महिला सिपाही के पुरुष कांस्टेबल पर रेप के आरोप के चर्चित मामले पर हाईकोर्ट ने CBI जांच के आदेश किये हैं। इस मामले को लेकर नयी बहस छिड़ी हुई है। दरअसल जिस तरह से पहले रेप के आरोप लगे, गिरफ्तारी हुई और फिर मामले से महिला सिपाही मुकर गयी, वो कई तरह से संदेहों से घिरा हुआ है। लिहाजा मामले की सीबीआई जांच में काफी कुछ जानकारियां निकलकर सामने आयेगी।

मामले में आरोपी सिपाही अनिल कुमार ने याचिका दायर कर सीबीआई जांच कराने और 13 माह जेल में बिताने पर मुआवजा देने का आग्रह किया था। साल 2020 में महिला कांस्टेबल ने पूर्वी सिंहभूम के सिदगोड़ा थाने में कांस्टेबल अनिल कुमार के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था। बाद में महिला ने संबंधित विभाग को पत्र लिखकर बताया कि उसने गुस्से में कुछ अधिकारियों के कहने पर यह केस दर्ज कराया था।

अनिल ने उसके साथ कुछ गलत नहीं किया। उसने कहा कि वह हिंदी नहीं जानती, इसलिए एफआईआर में क्या लिखा था, पता नहीं चला। फिर उसने कोर्ट को यह जानकारी दी तो कोर्ट ने अनिल को रिहा कर दिया। इसके बाद अनिल कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इसकी सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया, ताकि पता चल सके कि इसके पीछे कौन-कौन लोग हैं।

जानिये क्या है पूरा मामला
दरअसल, पूर्वी सिंहभूम के एक थाने में तैनात जवान अनिल कुमार के खिलाफ एक महिला कांस्टेबल ने कोविड काल के दौरान रेप का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. बाद में उसने विभाग को एक पत्र लिखकर कहा कि उसने कुछ अधिकारियों के कहने पर यह केस किया था. उसे तो यह भी नहीं पता कि जिस आवेदन पर एफआईआर दर्ज हुई, उसमें क्या लिखा है, क्योंकि उसे हिंदी लिखना-पढ़ना नहीं आता. उसने एक अन्य पत्र में यह भी बताया था कि उसे नहीं पता था कि उसके प्राथमिकी दर्ज करने से अनिल कुमार को जेल हो जाएगी. अनिल कुमार ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया था.
बाद में उसे जानकारी हुई कि एफआईआर में रेप की बात है तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ. महिला ने कोर्ट को भी इसकी जानकारी दी. इसके बाद जमशेदपुर की कोर्ट ने अनिल कुमार को वर्ष 2022 में रिहा कर दिया था. अब झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 जून को मुकर्रर की है.

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...