रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने कृषि और पशुधन विपणन (संवर्धन व सुविधा) विधेयक 2022 राज्य सरकार को दोबारा वापस करने का निर्णय लिया है। राज्यपाल ने इस विधेयक के तहत अन्य राज्यों से आयातित वस्तुओं पर अधिकतम स्लैब में दो प्रतिशत कृषि शुल्क व्यावहारिक नहीं मानते हुए कृषि मंत्री को इस पर पुनर्विचार करने को कहा है।

राज्यपाल ने कृषि मंत्री बादल और विभागीय सचिव के साथ राजभवन में बुधवार को हुई बैठक के दौरान कहा कि देश में कहीं भी इतना अधिक कर लगाने की व्यवस्था नहीं है। अन्य राज्यों में आधा एक प्रतिशत ही कर लगाया गया है। राज्यपाल ने टैक्स कम करके फिर से इस विधेयक को विधानसभा से पारित कराकर स्वीकृति के लिए राजभवन को भेजने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है।

राज्यपाल ने जनहित में विधेयक लाने की सलाह दी राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि ऐसे विधेयक बनें जो जनहित में ह और लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय भार न पड़े। बैठक के दौरान राज्य को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग मंत्री बादल और विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने विभाग द्वारा किए जा रहे से अवगत कराया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी भी मौजूद रहे।

अब तक कई विधेयक लौटाये गए

• 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति संबंधी विधेयक

• भीड़ हिंसा निवारण विधेयक

• पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक (दूसरा बारम इसे स्वीकृति मिली)

झारखंड वित्त विधेयक 2021, इसे दूसरी बार में स्वीकृति मिली

• झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक 2022, इसे भी दूसरी बार में मंजूरी मिली

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