रांची । झारखंड हाइकोर्ट ने एक अहम मुद्दे पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 6 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया। कोर्ट ने वर्ष 2016 में टेट पास अभ्यर्थियों की जिला वाइज मेरिट लिस्ट बनाने और उसी के आधार पर शिक्षक पद पर नियुक्ति करने के संबंध में दाखिल परिमल कुमार एवं अन्य की याचिका की सुनवाई सोमवार को की.

क्या है मामला

मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह वर्ष 2016 में टेट पास अभ्यर्थियों के नियुक्ति के संबंध में 6 सप्ताह में निर्णय ले. कोर्ट ने मामले को निष्पादित कर दिया. दरअसल, प्रार्थी की ओर से दलील देते हुए कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में सहायक शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाई थी.

क्या कहता है नियमावली

इसी के आधार पर वर्ष 2013 में टेट की परीक्षा ली गई. उक्त नियमावली के चैप्टर 2 के अनुसार शिक्षक पद के नियुक्ति पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) या राज्य सरकार टेट परीक्षा आयोजित करेगी. टेट पास सफल अभ्यर्थियों का जिला वाइज मेरीट लिस्ट बनाया जाएगा, उसके आधार पर सीधी नियुक्ति की जायेगी. प्रार्थी का कहना है कि इसी नियमावली के आधार पर वर्ष 2013 में टेट परीक्षा ली गयी. जिसके आधार पर वर्ष 2013, 2014 और 2015 शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई.

वहीं वर्ष 2016 में विज्ञापन संख्या 47/2016 के आधार पर टेट परीक्षा आयोजित की गई. लेकिन सरकार की वर्ष 2012 की नियमावली के तहत टेट पास अभ्यर्थियों का जिला वाइज मेरिट नहीं बनायी गयी और मेरिट के आधार पर जिलों में शिक्षक पद पर इन्हें नियुक्त नहीं किया गया.

प्रार्थी का कहना था कि इसे लेकर उन्होंने कई बार राज्य सरकार को आवेदन दिया लेकिन अब तो कुछ नहीं हुआ है. प्रार्थी की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को वर्ष 2016 के टेट पास अभ्यर्थियों के नियुक्ति के संबंध में न्याय पूर्वक 6 सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पैरवी की। कोर्ट के आदेश के बाद कर्मचारी चयन आयोग की भेजी गई अधियाचना पर क्या असर पड़ेगा या सरकार क्या निर्णय लेगी ये देखने वाली बात होगी।

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