झारखंड: ...अब नियुक्ति घोटाले में भी आलमगीर आलम पर कस सकता है शिकंजा, बाबूलाल मरांडी ने लगाया गंभीर आरोप, जांच में दोषी होने पर भी....
रांची। टेंडर कमीशन घोटाले में फंसे आलमगीर आलम की मुश्किलें आने वाले दिनों और बढ़ सकती है। कोर्ट ने आलमगीर आलम को 6 दिन की रिमांड पर भेजा है। इधर भाजपा अब आलमगीर आलम को लेकर आक्रामक हो गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष रहते अवैध नियुक्ति करने का आरोप भी आलमगीर आलम पर गया है।
सोशल मीडिया हैंडल X बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि, झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए आलमगीर आलम ने विधानसभा में सैकड़ों कर्मियों को अवैध रूप से नियुक्त किया। गरीब युवाओं के हक़ की नौकरी नेताओं की पैरवी पर बांटी गई, पैसे के लेनदेन की सीडी सामने आई। मामला प्रकाश में आने पर विक्रमादित्य आयोग का गठन कर जांच हुई, जिसमें आलमगीर आलम पर लगे आरोप प्रमाणित भी हुए। लेकिन इसके बाद जो हुआ वो युवाओं को जानना और समझना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद युवा विरोधी हेमंत सोरेन ने विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की बजाय उसकी समीक्षा के लिए एक और आयोग का गठन कर दिया। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि, दरअसल, कांग्रेस झामुमो वाले नहीं चाहते कि नियुक्ति घोटाला की सच्चाई समाने आए और झारखंड के युवाओं को न्याय मिले।
राजशाही खानदान में पैदा हुए और ऐशो-ऐयाशी में पले बढ़े हेमंत सोरेन झारखंड के गरीब युवाओं का संघर्ष कभी नहीं समझ पाएंगे। इन्होंने युवाओं का इस्तेमाल सिर्फ सत्ता हासिल करने के लिए किया है। अब युवाओं के पास मौका है, इन दुष्ट भ्रष्टाचारियों को सत्ता से बेदखल कर अपने साथ हुए विश्वासघात का बदला जरूर लें!