रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सहित कई राज्यों के कांग्रेस प्रभारी को बदल दिया गया है। झारखंड के प्रभारी अविनाश पांडेय की पदोन्नति हो गई है. उन्हें उत्तर प्रदेश का कांग्रेस प्रभारी नियुक्त किया गया है. वहीं प्रियंका गांधी को कोई जिम्मेवारी न देकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले 62 वर्षीय गुलाम अहमद मीर को झारखंड कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया है, जीए मीर को पश्चिम बंगाल के प्रभारी का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है.

क्या कहते हैं राजेश ठाकुर

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने बताया है कि झारखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अविनाश पांडे को उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का दायित्व सौंपने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रति आभार जताया है. उन्हें बधाई दी है. राजेश ठाकुर ने कहा है कि अविनाश पांडे एक कुशल संगठनकर्ता थे. उन्होंने झारखंड कांग्रेस को पंचायत स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. उनकी इसी क्षमता को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें यूपी जैसे बड़े राज्य की जिम्मेवारी सौंपी है.

लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन में हुए इस बड़े फेरबदल के कई मायने हैं. इसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा से उत्तर प्रदेश का प्रभार वापस ले लिया गया है.

अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी ने संगठन में बड़े पैमाने पर हुए फेरबदल के बाद जो लिस्ट जारी की है, उसमें प्रियंका गांध वाड्रा को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है. जीए मीर को प्रभारी बनाए जाने के बाद झारखंड प्रदेश को उम्मीद है कि सूबे में कांग्रेस पार्टी नए सिरे से अपनी जड़ें मजबूत करेगी और लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी.

ये हैं नए कांग्रेस प्रभारी

गुलाम अहमद मीर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के शाहबाद-बाला तहसील के रहने वाले हैं. अनंतनाग के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की है. कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने वर्ष 2019 में डोरू संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था. वर्ष 2015 में जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए मीर ने वर्ष 2022 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि आने वाले दिनों में केंद्रशासित प्रदेश में होने वाले चुनावों के लिए पार्टी नए सिरे से संगठन में फेरबदल कर सके. बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ बने देशव्यापी गठबंधन इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिकट इन्क्लूसिव अलायंस (आईएनडीआईए) की बैठक के बाद और लोकसभा चुनाव से पहले संगठन में इतने बड़े पैमाने पर हुए फेरबदल के कई राजनीतिक मायने हैं.

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