Old Penshion Yojana : झारखंड के बजट में वैसे तो कर्मचारियों के लिए कोई विशेष घोषणाएं नहीं की गयी। लेकिन, पुरानी पेंशन योजना को लेकर बजट भाषण में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने पुरानी पेंशन योजना का जरूर जिक्र किया। बजट भाषण के दौरान उन्होंने पुरानी पेंशन योजना की राशि की स्थिति के बारे में जानकारी दी। बजट में मंत्री ने बताया कि राज्य में लागू पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए, पुरानी पेंशन योजना के तहत 700 करोड़ रुपए पिछले साल निवेश किया गया. 2024-25 के लिए 736 करोड़ का बजट पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रस्तावित है।

आपको बता दें कि इससे पहले हेमंत सरकार के कार्यकाल के दौरान ही कैबिनेट में ये फैसला लिया गया था, कि पुरानी पेंशन योजना की राशि को निवेश किया जायेगा, ताकि उन राशियों से कर्मचारियों को सेवानिवृति पश्चात पेंशन की राशि का भुगतान किया जा सके। कैबिनेट ने ये भी फैसला लिया था कि निवेश को अल-अलग बांड में किया जायेगा, ताकि उसका बेहतर रिटर्न मिल सके और पुरानी पेंशन योजना निर्वाध रूप से झारखंड में संचालित हो सके। उसी के सदंर्भ में पुरानी पेंशन योजना को लेकर राज्य में स्थिति का बजट में उल्लेख किया गया है।

इससे पहले आज बजट में झारखंड विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वर्ष 2024 – 25 का 1, 28, 900 करोड़ का बजट पेश किया। वित मंत्री ने कहा कि राज्यव में स्वास्थ सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 7223 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसके अलावा, सरकार ने बजट में पेयजल एवम स्वच्छता विभाग के लिए 4686.67 करोड़, खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवम उपभोक्ता मामले विभाग के लिए 2860.27 करोड़ रुपये, श्रम नियोजन एवम प्रशिक्षण के लिए 1053.27 करोड़ का प्रविधान रखा। इसी के साथ कहा गया कि प्रत्येक राशनकार्ड धारी परिवार को सोयाबीन बड़ी का वितरण होगा।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए ऋण लेना राज्य सरकार की मजबूरी है. इसके लिए राज्य सरकार कर्ज लेती है. झारखंड में लगातार सिंकिंग फंड में निवेश किया जा रहा है और लगभग 16000 करोड़ का इसमें निवेश किया गया है. जिसमें केवल ऋण का भुगतान है किया जाएगा।

2021-22 में झारखंड का राजस्व 31320 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 22-23 में 37945 करोड़ हो गई. 23-24 में 47120 करोड़ रुपए राजस्व आय प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 24-25 में 53,500 करोड़ आय का इस बार अनुमान है। प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के लिए 12,314 करोड़ रुपए और उच्च, तकनीकी शिक्षा के लिए 2,411 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव किया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 7,223 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव है, जबकि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए 4,686 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव है।

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