Jharkhand big news: 30 employees will be dismissed, applying to avoid election duty was costly, DC gave orders for dismissal, created panic

पाकुड़। चुनाव ड्यूटी से बचने आवेदन लगाना कर्मचारियों को महंगा पड़ गया है। उपायुक्त ने जिले के 30 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव संबंधित विभागों को भेज दिया है। उपायुक्त की इस कार्रवाई के बाद कर्मचारियों-अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि पाकुड़ के अलावे अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्रवाई हो सकती है। दरअसल चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों-अधिकारियों ने आवेदन निर्वाचन कार्यालय में जमा कराया था।

मतदानकर्मियों के आवेदनों में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर चुनाव कार्य से मुक्त करने की मांग की गयी थी। लिहाजा उपायुक्त ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया, जिसमें सभी आवेदकों की फिटनेस जांच करायी गयी। फिटनेस चेक में 30 कर्मचारी अनफिट पाये गये हैं, इन कर्मचारी-अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृति का निर्देश दिया है। पत्र में उपायुक्त पाकुड़ी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि अनफिट अधिकारी-कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृति का प्रस्ताव तैयार कर एक माह के भीतर डीसी के सामने प्रस्तुत करें।

चुनाव कार्य से छुट्टी के लिए आवेदन देना पड़ा भारी

जानकारी के मुताबिक पाकुड़ जिले में ही 50 के करीब आवेदकों ने अलग-अलग कारणों से चुनाव कार्य से छूट की मांग की थी। जिन आवेदकों ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर छुट्टी मांगी थी, उनकी जांच के लिए डीसी ने एक जांच टीम गठित की थी। मेडिकल बोर्ड ने जांच के दौरान 30 कर्मचारियों को अनफिट पाया गया। 30 कर्मचारियों की मेडिकल रिपोर्ट उपायुक्त हो भेजी गयी थी।

डीसी ने माना- शासकीय कार्य के योग्य नहीं

उपायुक्त ने विभागों को भेजे निर्देश में कहा है कि मेडिकल चेकअप में कई कर्मचारियों को अयोग्य पाया गया है। जाहिर ये सभी कर्मचारी शासकीय कार्यों के लिए भी अनफिट होंगे। लिहाजा, ये माना जा सकता है कि ये कर्मचारी बिना काम किये ही वेतन की राशि आहरण कर रहे हैं। इन अनफिट कर्मचारियों की वजह से बेवजह ही सरकारी खजाने पर भार पड़ रहा है, जो स्वीकार्य नहीं है।

30 कर्मचारियों के बर्खास्तगी के आदेश

जिन विभागों के कर्मचारियों को अनफिट माना गया है, उनमें से अधिकांश शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं। उपायुक्त ने कहा है कि मेडिकल बोर्ड ने इन कर्मचारियों को अयोग्य माना है, जिनके विरुद्ध नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृति का प्रस्ताव पत्र प्राप्ति के चार सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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