रांची : राज्य में वर्ष 2018 में उत्पाद सिपाही के 518 पदों के लिए निकाले गये विज्ञापन को परीक्षा प्रक्रिया पूरी होने के बाद झारखंड स्टाफ सलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) द्वारा नोटिस जारी कर रद्द किये जाने को चुनौती देनेवाली अमित उराव एवं अन्य की याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई. मामले में हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने राज्य सरकार और जेएसएससी को 2 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया है.

इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया इसी तरह पंचायत सचिव के विज्ञापन को भी नोटिस जारी कर रद्द कर दिया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट नियुक्ति का आदेश जारी किया था. यह मामला भी उसी तरह का है. उनकी ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि जेएसएससी ने जिस नोटिफिकेशन के आधार पर विज्ञापन रद्द किया वह हाइकोर्ट के सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार के केस को देखते हुए किया गया था.

दरअसल प्रार्थी की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि वर्ष 2018 में जेएसएससी ने उत्पाद सिपाही के 518 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था. लेकिन 1 नवंबर 2021 को जेएसएससी ने नोटिस जारी कर इस विज्ञापन एवं पांच अन्य विज्ञापनों को भी रद्द कर दिया था. प्रार्थी का यह भी कहना है कि उनकी परीक्षा हो चुकी है और काउंसलिंग की प्रक्रिया भी हो चुकी थी. अब वह रिजल्ट और अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे. लेकिन जेएसएससी ने उस विज्ञापन को ही रद्द कर दिया.

बता दें कि पूर्व में 10 जून 2022 को कोर्ट ने जेएसएससी और राज्य सरकार को मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. लेकिन इनकी ओर से अब तक जवाब दाखिल नहीं हो सका है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 मई निर्धारित की है.

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...