रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल की दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा के पैटर्न में एक बार फिर बदलाव हो सकता है। अब इसकी परीक्षा दो टर्म की जगह एक टर्म में करने पर विचार किया जा रहा है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने इसपर चर्चा करने के लिए गुरुवार को काउंसिल के अध्यक्ष एवं सचिव को अपने आवास पर बुलाया है। मंत्री आठवीं, नौवीं व ग्यारहवीं की परीक्षा भी दो टर्म की जगह एक टर्म में करने पर अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे।

इस संबंध में अलग से दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा। मैट्रिक, इंटर की परीक्षा को लेकर फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। बिना विलंब शुल्क के फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 14 अक्तूबर है. इसके बाद विलंब शुल्क के साथ फॉर्म जमा लिया जायेगा। ज्ञात हो कि इससे पूर्व शिक्षा विभाग द्वारा मैट्रिक, इंटर की परीक्षा दो टर्म में लेने की घोषणा की गयी थी। पहले टर्म की परीक्षा नवंबर व दूसरे टर्म की मार्च में प्रस्तावित थी। दोनों टर्म के लिए सिलेबस को भी दो भागों में बांटा गया था। परीक्षा के पैटर्न को लेकर पत्र भी जारी कर दिया गया था।

मैट्रिक, इंटर के साथ-साथ कक्षा आठवीं, नौवीं व 11वीं की बोर्ड परीक्षा भी अब एक ही टर्म में अप्रैल में संभवत: ली जायेगी। इस संबंध में भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा। कक्षा नौवीं व 11वीं की प्रथम चरण की परीक्षा दिसंबर व दूसरे चरण की परीक्षा अप्रैल में लेने की घोषणा की गयी थी। कक्षा नौवीं व 11वीं की परीक्षा को लेकर सिलेबस को दो भागों में बांटा गया था। कक्षा आठवीं की बोर्ड परीक्षा नौवीं व 11वीं के बाद ली जा सकती है।

क्यों लिया गया निर्णय

झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षक संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने दो टर्म में परीक्षा लेने का विरोध किया था। इंटर कॉलेज व हाइस्कूल के प्राचार्यों का कहना था कि दो टर्म में परीक्षा लेने से साल में चार से पांच माह परीक्षा लेने व उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन में ही बीत जायेगा. ऐसे में पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पायेगा।

सीबीएसइ व आइसीएसइ भी नहीं ले रहे दो टर्म में परीक्षा :

सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड द्वारा भी वर्ष 2022 की कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षा दो टर्म में ली गयी थी, पर वर्ष 2023 की परीक्षा दो टर्म में नहीं ली जायेगी।

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