IPS Sadanand Vasant Date Biography In Hindi: आईपीएस अधिकारी सदानंद वसंत दाते राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के डीजी होंगे। 1990 बैच के महाराष्ट्र कैडर के चर्चित IPS की गिनती तेज तर्रार आईपीएस में होती है। 26/11 हमले के दौरान उनकी बहादुरी और सूझबूझ की वजह से उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित हो चुके हैं। महाराष्ट्र एटीएस के मौजूदा प्रमुख (एनआईए के डीजी के तौर नियुक्ति से पहले तक) सदानंद वसंत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो में डीआइजी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में आइजी (ऑप्स) के रूप में भी काम किया है। उन्होंने मुंबई के पास मीरा-भयंदर और वसई-विरार शहर के पुलिस आयुक्त का पद भी संभाला है।

एनआईए में उनका कार्यकाल 31 दिसंबर, 2026 तक रहेगा। दाते पिछले दो साल से महाराष्ट्र एटीएस के चीफ थे। उन्होंने उस दौरान कई हाई प्रोफाइल केस डिटेक्ट किए। पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में उन्होंने पुणे के डीआरडीओ साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर को अरेस्ट किया था। वह अभी भी जेल में है। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के भी कई आतंकवादियों को भी दाते ने अरेस्ट किया।

कसाब को दबोचा था IPS सदानंद ने
1990 बैच के आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते वो अफसर हैं, जो मुबई आतंकी हमले के वक्त मोर्चा थाम रखे थे। जिस वक्त 10 आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 की रात मुंबई पर हमला किया था, उस वक्त सदानंद दाते उन कुछ अधिकारियों में से थे, जो आतंकियों द्वारा टागेट की गई जगह पर सबसे पहले पहुंचे और फिर आखिर तक जवाबी कार्रवाई में लगे रहे यह दाते की बहादुरी और विषम परिस्थितियों में सूझबूझ थी, जिसके कारण अबू इस्माइल और अजमल कसाब बंधक बनाए गए लोगों को बचाया जा सका। फिर कसाब एकमात्र जीवित आतंकवादी के रूप में पकड़ने में कामयाबी मिली। एनआईए में उनका कार्यकाल 31 दिसंबर, 2026 तक रहेगा। दाते पिछले दो साल से महाराष्ट्र एटीएस के चीफ थे। उन्होंने उस दौरान कई हाई प्रोफाइल केस डिटेक्ट किए। पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में उन्होंने पुणे के डीआरडीओ साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर को अरेस्ट किया था। वह अभी भी जेल में है।

आखिर दाते की बहादुरी और सूझबूझ के कारण बंधकों को बचाया गया, जिन्हें आतंकी ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए ले जा रहे थे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को बाद में वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। सदानंद दाते देश भर में आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद, इंडियन पॉपुलर फ्रंट जैसे प्रतिबंधित संगठनों और खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ देश के साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा में भी जांच कर रही एनआईए की कमान जब उन्हें मिली है तो माना जा रहा है कि आंतरिक सुरक्षा के मामले में अब एनआईए और तेजी से एक्शन लेने वाली है. चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर आईपीएस सदानंद वसंत दाते हैं कौन और क्यों इतनी सुर्खियों में हैं।

दाते के एक्शन से बुरी तरह हिल गया था रवि पुजारी
कई साल पहले दाते जब मुंबई क्राइम ब्रांच के चीफ थे, तो उन्हें रवि पुजारी गैंग को पूरी तरह ख़त्म करने का क्रेडिट जाता है। आरोप है कि उस दौरान रवि पुजारी ने फिल्म निर्माता करीम मोरानी के जुहू स्थित बंगले पर फायरिंग करवाई थी। उसी दौरान अभिनेता शाहरुख खान के ऑफिस भी डॉन ने फोन किया था और महेश भट्ट की भी हत्या की साजिश उस दौरान रची थी। सदानंद दाते और उस वक्त के क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी के. एम.प्रसन्ना ने तब मुंबई क्राइम की सभी डेढ़ दर्जन यूनिट्स को केस डिटेक्ट करने के लिए काम पर लगा दिया था। बाद में रवि पुजारी गैंग के काफी लोग पकड़े गए थे और डॉन बुरी तरह हिल गया था। करीब तीन साल पहले रवि पुजारी को सेनेगल से भारत डिपोर्ट किया गया।

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