सीवान (बिहार)। 15 अगस्त को पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था। इस दौरान अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए। हर घर तिरंगा जैसे अभियान के बूते देश-दुनिया में जहां तिरंगे की शान बढ़ी, वहीं सीवान के कई शासकीय संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज का जमकर अपमान भी हुआ। कहीं बिना अशोक चक्र वाला तिरंगा फहराया गया, तो कहीं उल्टा तिरंगा ही लहरा दिया गया। हद तो तब हो गई जब एक शिक्षण संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कुछ घंटे बाद ही ध्वज नीचे आ गिरा जो कई घंटों तक जमीन पर ही पड़ा रह गया। इधर इन घटनाक्रम को लेकर कई जगहों पर कार्यवाही की भी बात सामने आई है।

बिहार के सीवान से तीन जगहों से राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की खबर आई। पहली घटना दरौली प्रखंड के नया राजकीय प्राथमिक विद्यालय का है। दरौली ब्लॉक के नये राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बिना अशोक चक्र वाला ही तिरंगा फहरा दिया गया। इस स्कूल में 3 शिक्षक हैं, जिनमें 2 महिला और एक पुरुष शिक्षक है। पुरुष शिक्षक राजेश मिश्रा प्रधानाध्यापक है। ग्रामीणों का आरोप है कि राष्ट्रीय ध्वज में तिरंगा ना होने के बावजूद जानबूझकर उसे स्कूल में फहरा दिया गया। इस मामले में शिकायत के बावजूद स्कूल प्रबंधन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों से जवाब तलब किया है।

वही दूसरा मामल दरौंदा प्रखंड का है। यहां पंचायत भवन परसिवड़ में उल्टा झंडा फहराने की खबर आई है। इस मामले में भी बीडीओ ने आरोपी अधिकारी कर्मचारियों से जवाब तलब किया है। बीडीओ ने यह भी कहा है कि इस मामले में अगर सही जवाब नहीं आया तो आरोपियों के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

इधर, महाराजगंज प्रखंड के आरबीजीआर कॉलेज में झंडोत्तोलन के कुछ ही देर बाद झंडा नीचे जमीन पर गिर गया। काफी देर तक जमीन पर ही तिरंगा पड़ा रहा। आरोप है कि झंडोत्तोलन के बाद प्रिंसिपल और शिक्षक अपने घर चले गए थे, जिसकी वजह से झंडे को जमीन पर गिरा किसी ने नहीं देखा। मामले को लेकर भी स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है।

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