रांची: झारखंड में 4 साल बाद 946 दरोगा की सीधी नियुक्ति होगी। पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को इसकी अधियाचना भेजी है। इसमें कहा है कि यह अधियाचना दरोगा की भर्ती के लिए जेएसएससी को भेजी जाए। अधियाचना के मुताबिक 596 की भर्ती रेगुलर नीति के आधार पर की जाएगी। इसके लिए रोस्टर क्लीयरेंस भी हो चुका है। इसके अलावा जिला इकाइयों में बैकलॉग की 350 रिक्तियां है।

इन दोनों को मिलाकर कुल 946 पदों पर नियुक्ति होगी। इसके अलावा प्रारक्ष अवर निरीक्षक के खाली पड़े 29 पदों पर भी बहाली होगी। सार्जेंट के कुल 105 स्वीकृत हैं। इनमें से 71 कार्यरत हैं। गौरतलब है कि राज्य में अब तक सिर्फ दो ही बार दरोगा की सीधी नियुक्ति हुई है। वर्ष 2012 में 384 और 2018 में 2580 दरोगा की बहाली हुई थी। इनमें स्पेशल ब्रांच के 480 दरोगा भी शामिल है।

5% पद महिलाओं के लिए आरक्षित

दारोगा के पदाें पर होने वाली नियुक्ति में नि:शक्तों को आरक्षण नहीं मिलेगा। एससी को मिलने वाले 26% आरक्षण में 2% पद आदिम जनजाति के लिए क्षैतिज रूप से आरक्षित किया गया है। वहीं कुल पदों का 2% खेलकूद कोटे के लिए आरक्षित रखा गया है। महिलाओं के लिए कुल पदों का 5% क्षैतिज रूप से आरक्षित होगा।

हेमंत सरकार ने नियुक्ति का फॉर्मूला बदला, पहले दौड़, फिर लिखित परीक्षा

हेमंत कैबिनेट ने दारोगा-सिपाही नियुक्ति का फॉर्मूला बदल दिया है। अब पहले दौड़ की प्रक्रिया पूरी होगी, फिर लिखित परीक्षा होगी। दरअसल, शिबू सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में पुलिस बहाली में दौड़ को प्राथमिकता दी जाती थी। लेकिन रघुवर सरकार ने इस नियम को बदल दिया था। पहले लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य था। इसके बाद ही दौड़ की प्रक्रिया होती थी। हेमंत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद फिर इस नियम को बदल दिया। पहले दौड़ को प्राथमिकता देने का फैसला लिया।

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