नयी दिल्ली । सरकार ने रिटर्न दाखिल न करने और आय की गलत जानकारी देने पर एक लाख नोटिस भेजे हैं। मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नोटिस वहां भेजे गए जहां आय ₹50 लाख के करीब पाई गई। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के अंत तक सभी बकाया टैक्स को क्लियर कर लिया जाएगा।। ये नोटिस इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय दी गई गलत जानकारी को लेकर भेजे गए। वित्त मंत्री ने 164वें आयकर दिवस समारोह (Income Tax Day) के दौरान ये जानकारी दी.

गौरतलब है कि आयकर विभाग द्वारा टैक्सपेयर्स को कुल दो कैटेगरी नोटिस भेजा है. पहले वह लोग है जिन्होंने इनकम छुपाकर कम टैक्स भरा है और दूसरे लोग वह जिन्होंने टैक्स की देनदारी होते हुए भी आईटीआर फाइल नहीं किया है. बता दें कि ज्यादातर मामले उन लोगों के हैं जिसकी कमाई 50 लाख रुपये सालाना से अधिक है. यह सभी मामले 4 से 6 साल तक पुराने हो सकते हैं.

आयकर विभाग ने 2022-23 वित्तीय वर्ष के दौरान करों में ₹16.61 लाख करोड़ एकत्र किए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 17.67% अधिक है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर विभाग ने 1 लाख लोगों को नोटिस भेजा है. Income Tax का ये नोटिस उन टैक्सपेयर्स को भेजा गया, जिन्होंने या तो अपनी आय घोषित नहीं की है या फिर आय को कम बताया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नोटिस से संबंधित सभी मामले 4 से 6 साल पहले फाइल किए गए आईटीआर के हैं. इसके साथ ही इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जिनके लिए ITR फाइल करना जरूरी था, लेकिन उन्होंने इसे नहीं भरा.

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आगे कहा कि इनकम टैक्स विभाग द्वारा ये नोटिस बिना सोचे-समझे नहीं भेजा जा रहा है. ऑफिशियल लेटर के मुताबिक, ये सभी नोटिस 14 महीनों के दौरान भेजे गए हैं और इनमें से ज्यादातर वो टैक्सपेयर्स हैं, जो 50 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना इनकम वाले हैं. गौरतलब है कि आयकर कानून के तहत, इनकम टैक्स अधिकारी 6 साल तक के पिछले असेसमेंट को फिर से खोल सकते हैं. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सीबीडीटी (CBDT) ने मई 2023 में 55,000 नोटिस का असेसमेंट पूरा किया, जो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार भेजे थे.

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