धनबाद । जिले के सभी विद्यालय के बच्चों का स्वास्थ्य जांच किए जाने का निर्देश जिले के उपायुक्त संदीप सिंह ने दिया है। सोमवार की शिक्षा और कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान छात्रवृत्ति योजना से योग्य बच्चों की शत प्रतिशत लाभान्वित करते हुए हेल्थ कैंप लगाकर सभी बच्चों का स्वास्थ्य जांच किए जाने का निर्देश दिया। बच्चों के स्वास्थ्य जांच करने की लेकर जिले में सिविल सर्जन से समन्यव बनाने का भी निर्देश दिया।

क्यों देना पड़ा निर्देश

उपायुक्त संदीप सिंह को स्वास्थ्य जांच करने की निर्देश इसलिए देना पड़ा क्योंकि बच्चों के नियमित रूप से नहीं हो पा रही है। मालूम हो की स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य जांच करने के लिए NHM के तहत RBSK के चिकित्सक विभाग में नियुक्त हैं। इसके लिए चिकित्सकों के स्कूल आने जाने के लिए संस्थान की तरफ से वाहन भी दिए गए है। RBSK के तहत आयुष चिकित्सक में से दो – दो चिकित्सकों की एक टीम बनाई हुई है। इस तरह एक टीम के चिकित्सक को एक वाहन दिया गया है। ताकि उस वाहन से समय पर स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य जांच किया जा सके।

RBSK के चिकित्सक नहीं करते नियमित जांच

जिले के गोविंदपुर प्रखंड में RBSK अंतर्गत चार चिकित्सक नियुक्त है जिनका प्रमुख कार्य स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य जांच करना है। स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य जांच को केंद्रित कर NHM के तहत RBSK (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) योजना बनाई गई है। NHM के निर्देशानुसार इन चिकित्सकों को प्रत्येक दिन कम से कम 80 बच्चों का स्वास्थ्य जांच किया जाना है।

RBSK के आयुष चिकित्सक पर प्रभारी बनने का शौक भारी

RBSK के तहत नियुक्त आयुष चिकित्सक डा विधान चंद्र पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बनने का शौक इस कदर हावी है की अपना काम छोड़ कार्यालय (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी) का काम निपटाते हैं। प्रशासनिक से लेकर नीतिगत फैसले लेने में भी हस्तक्षेप करते हैं। गोविंदपुर प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा एच रहमान का निजी प्रैक्टिस के प्रति मोह सर्वविदित है।

जिले के सभी वरीय पदाधिकारी और सिविल सर्जन की जानकारी में होने के बावजूद इनके निजी प्रैक्टिस के प्रति मोह के आगे सभी अपने आप को लाचार और बेबस महसूस करते हैं। निजी प्रैक्टिस में व्यस्त प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी काफी कम समय कार्यालय और संस्थान में देते हैं। वास्तविक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के बदले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बनने के शौक रखने वाले RBSK चिकित्सक डा विधान चंद्र कार्यभार संभालते रहते हैं। मसलन कर्मचारियों की बैठक, जिला में वरीय पदाधिकारी के साथ होने वाली बैठक, किसी भी तरह के प्रशासनिक फैसले, अस्पताल प्रबंधन से संबंधित निर्णय में उनकी खासा दिलचस्पी रहती है।

कार्यालय में समय नहीं देने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को RBSK आयुष चिकित्सक पर निर्भर रहने की विवशता स्पष्ट देखी जा सकती है। समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त के निर्देश के अनुपालन में संशय की स्थिति उत्पन्न होना स्वाभाविक हैं। क्योंकि जब स्कूली बच्चों की जांच करने वाले जिम्मेवार RBSK चिकित्सक पर बेतुका शौक हावी रहेगी तो उपायुक्त के आदेश अनुपालन कैसे होगी?

गोविंदपुर सीएचसी के कार्यप्रणाली पर उठते रहे हैं सवाल

गोविंदपुर chc अपने कार्यप्रणाली के कारण चर्चा में बने रहती है। हाल के दिनों में यहां के BPM का ट्रांसफर बलियापुर chc किया गया है।परंतु दो दिनों के अंदर योगदान आदेश के बावजूद 15 दिन बीत जाने के बावजूद गोविंदपुर के BPM ने योगदान नहीं दिया।और डाक के माध्यम से आवेदन भेज रहे हैं।आश्चर्य की बात ये ही की जिस संस्थान से उन्हें वर्मित किया जा चुका है उसी संस्थान में अपना आवेदन भेज रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बालियापुर CHC में वित्तीय अनियमितता कि जांच चल रही है।

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