रांची । इसे दुर्भाग्य नहीं कहे तो क्या कहे…. जिस प्रदेश में 18 सालों से अपनी सेवा देने के बावजूद मानदेय वृद्धि और अपनी भविष्य की स्थिरता के लिए कर्मियों को संघर्ष करना पड़े। पत्राचार हुआ, कमिटी बनी, सरकार तक बात पहुंची, कई बार आंदोलन पर उतारू कर्मीयों का मान मनौव्वल हुआ, पर नहीं हुआ तो कर्मियों की पूरी मांग। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है की सत्ता में आते ही सरकार अपने वादे भूल क्यों जाती है?

हम बात कर रहे है राज्य भर में काम कर रहे बीआरपी सीआरपी एसएस कर्मियों की। जो आज भी अदद मानदेय वृद्धि के लिए संघर्ष कर रहे है। कहने और सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लग रहा होगा पर ये सच है की जिन कर्मियों ने प्रदेश में अपने जीवन का अमूल्य योगदान दिया उनके भी परिवारिक और सामाजिक दायित्व हैं।

उम्र के इस पड़ाव में अपने आप को भविष्य की अस्थिरता के साथ इलाज के अभाव में अपने साथी को तड़प तड़प कर असमय मरते देखना कितना दुखद हो सकता है इसकी कल्पना मात्र से ही मन सिहर उठता है। तो उन साथियों पर क्या गुजरती होगी जिनके सामने ये घटना घटती होगी, इस सवाल का जवाब आप सभी के लिए है की क्या सरकार समय रहते हो रही परेशानी का समाधान करना नही चाहती या जान बूझकर आंदोलन के रास्ते धकेलने पर मजबूर करती है।

बीआरपी सीआरपी SS संघ झारखंड प्रदेश की जिला कमेटी रांची की बैठक जिला शिक्षा परिसर में की गई। इस बैठक में जिला के विभिन्न प्रखंडों से बीआरपी सीआरपी एवं एसएस उपस्थित हुए। बैठक की शुरुआत जिला अध्यक्ष जनक मुंडा, कोषाध्यक्ष कमल कांत मेहता, महासचिव वासुदेव प्रियदर्शी, उपाध्याय अरविंद मिश्र, अनिरुद्ध कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर बैठक की शुरुआत की गई।

विभिन्न प्रखंडों से आए हुए इस संघ के प्रखंड के प्रतिनिधियों के द्वारा विचार व्यक्त किया गया प्रखंड बेड़ो से आए हुए अब्दुल नासिर ने कहा कि अपनी मांग के लिए अब आंदोलन ही एक रास्ता है प्रखंड कांके धर्मेंद्र प्रसाद ने कहा कि सेवा शर्त नियमावली मानदेय वृद्धि आवश्यक है जो कि सरकार द्वारा अभी तक हम लोगों को नहीं दिया जा रहा है।

प्रखंड नामकुम से संतोष कुमार द्वारा कहा गया कि सरकार एवं विभाग हम लोगों का शोषण कर रही है, अन्य कर्मी जो मूलभूत सुविधा दी जाती है वह कुछ भी हम लोगों को नहीं दी जा रही है। सरकार हमारे प्रति गंभीर नहीं हैं दुखद है कि हमारे बीच से कुछ बीआरपी एवं सीआरपी की आकस्मिक मृत्यु भी हो गई। जिससे सरकार या विभाग के द्वारा कोई राशि या सुविधा देने का प्रावधान नहीं है। 18 वर्ष सेवा के उपरांत ही सरकार इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है जो कि खेद जनक है।

प्रखंड बुंडू से मुनीर उद्दीन अंसारी ने कहा कि सरकार द्वारा हम सबको मूलभूत सुविधा ना दिया जाना चिंतनीय है इसके लिए आंदोलन करना होगा बैठक के समापन से पूर्व स्वर्ग बिभुतिभूषण मेहता की सीआरपी सोनाहातू के लिए 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति हेतु शोक व्यक्त किया गया इस बैठक मैं विभिन्न प्रखंडों से आए हुए ये बीआरपी सीआरपी उपस्थित रहे, जिनमें

प्रदीप कुमार मिश्र कुलदीप सुरेन कृष्णा साहू राघवेंद्र नारायण सिंह विनोद कुमार चौबे दिलेश्वर महतो सुबोध कुमार प्रसिद्ध नारायण सिंह अनंत कुमार अक्षय कुमार दास शाहरुख जमाल कमरुज्जमा शिवा मुंडा विनोद सिंह गुप्ता इत्यादि सैकड़ों बीआरपी सीआरपी उपस्थित थे।
बैठक में बीआरपी सीआरपी एसएस संघ जिला कमेटी रांची ने निर्णय लिया कि यदि मानसून सत्र के पहले बीआरपी सीआरपी का मानदेय वृद्धि सेवा शर्त नियमावली एवं अन्य बुनियादी सुविधा सरकार के द्वारा शीघ्र निर्णय नहीं ली जाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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