हजारीबाग : बड़कागांव में अधिग्रहित जमीन रैयतों को वापस करने का आदेश दिया गया है. यह आदेश मंत्री चंपई सोरेन ने दिया है. इसके लिए बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने पहल की थी. इसे ऐतिहासिक फैसला बताया जा रहा है.

बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत नापोखुर्द व पोटंगा पंचायत क्षेत्र के इंदिरा, चिरंवा तथा पसेरिया में मेसर्स रोहाने कोल कंपनी लिमिटेड की ओर से 2010 के आसपास स्थानीय रैयतों से जमीन ली थी. काफी वर्ष बीत जाने के बावजूद रोहाने कोल कंपनी ने खनन कार्य शुरू नहीं किया, तो उस क्षेत्र के रैयतों ने अपनी समस्या को स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद के समक्ष रखा. विधायक अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री तथा संबंधित विभाग को पत्राचार कर एवं मिलकर सीएनटी एक्ट के तहत मामले की सुनवाई करने के लिए अनुरोध किया था.

मुख्यमंत्री ने सीएनटी एक्ट के तहत मामले की सुनवाई करने के लिए राज्य के कल्याण मंत्री चंपई सोरेन को पदाधिकारी नियुक्त किया और लगातार सुनवाई शुरू होने के बाद छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 की धारा 49 (5) के तहत सुनवाई करते हुए रैयतों के पक्ष में फैसला सुनाया. उस याचिका को कुल 16 खाता के रैयतों ने दायर किया था. इसमें लगभग 62 रैयतों की 112.75 एकड़ जमीन शामिल थी.

पिछले दिनों उस क्षेत्र के रैयतों ने इस संबंध में हो रही लेटलतीफी पर ध्यान आकृष्ट कराया था. उसके बाद विधायक अंबा प्रसाद ने राज्य तथा जिले के वरीय पदाधिकारियों को इस संबंध में यथाशीघ्र रिपोर्ट तैयार करके विभाग को भेजने को कहा था. फिर सुनवाई हुई एवं फैसला रैयतों के पक्ष में आया.

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