पूर्व मुख्यमंत्री और बरहेट के विधायक हेमंत सोरेन की क्रिमिनल रीट पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अरुण कुमार राय की बेंच में काफी देर तक बहस चली. इसके बाद अदालत ने इस मामले में सुनवाई जारी रखते हुए अगली सुनवाई के लिए बुधवार की तिथि निर्धारित कर दी. हेमंत सोरेन की ओर से देश के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और हाईकोर्ट के अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने बहस की. वहीं ED की ओर से ASGI एस वी राजू ने बहस की. इस मामले की सुनवाई हाइब्रिड मोड में हुई.

कपिल सिब्बल ने हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला शेड्यूल ऑफेंस का नही है, उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है. बड़गाईं अंचल की जिस विवादित 8.5 एकड़ जमीन की बात कही जा रही है, उसके मूल दस्तावेज में हेमंत सोरेन के नाम का कोई जिक्र नहीं है. वहां कुछ लोगों ने कह दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की दखल वाली है, इस पर विश्वास करते हुए ईडी अनुसंधान में आगे बढ़ रही है. इस केस में कोई भी साक्ष्य नहीं है और न हीं ईडी अभी तक कोई साक्ष्य जुटा पाई है.

ईडी विनोद सिंह के साथ उनके जिस व्हाट्सएप चैट का जिक्र कर रही है, वह वर्ष 2020 का है. आर्किटेक्ट विनोद सिंह के साथ हेमंत सोरेन के व्हाट्सएप चैट में बड़गाईं अंचल की उस विवादित 8.5 एकड़ जमीन पर बैंक्विट हॉल बनाने की नक्शा तैयार किए जाने की गलत बात कही जा रही है, इस व्हाट्सएप चैट में सरकार के बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसे के खेल के भी बेबुनियाद आरोप लगे हैं, जिसका इस मामले से कोई संबंध नहीं है.

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