Cancer Causing Foods: आज के दौर की दौड़ती भागती जिंदगी में खुद को सेहतमंद रखना बड़ी चुनौती है। इंसान अभी के वक्त में सबसे कम समय अगर किसी चीज पर देता है, तो वो है अपनी सेहत पर। हम हर कुछ जल्दी-जल्दी चाहते हैं। फटाफट खाने के चक्कर नूडल्स, चाउमीन और मैगी खा रहे हैं। घड़े की पानी के बजाय फ्रीज का पानी पीते हैं। बढ़ते ट्रेंड ने लोगों को गंभीर बीमारियों की ओर धकेलना शुरू कर दिया है। इन्हीं में से एक है सबसे गंभीर बीमारी कैंसर।

जिसका खतरा कुछ विशेष तरह के भोजन करने से बढ़ जाता है। ये भोजन अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड या जंक फूड होते हैं। हमारी डाइट और लाइफस्टाइल के कारण डायबिटीज, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर समेत कई खतरनाक बीमारियां आम हो गई हैं।

वैज्ञानिकों की मानें तो वक्त रहते फास्ट फूड और प्रोसेस फूड से दूरी नहीं बनाई गई तो कैंसर की चपेट में भी आ सकते हैं. ये शरीर को तेजी से कमजोर बनाते हैं. इनमें पोषक तत्वों न के बराबर होते हैं, जिस कारण हमें न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाता और बॉडी कमजोर हो जाती है.

क्या हैं अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड?
नूडल्स, सूप, रेडी टू ईट मिल्स, फिजी, कोल्ड ड्रिंक्स, केक, बिस्कुट, डिब्बाबंद मिठाई, पिज्जा, पास्ता, बर्गर ये कुछ ऐसे फास्ट फूड या अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड हैं जो आपकी सेहत को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इनका अधिक सेवन आपके लिए काफी हानिकारक हो सकता है.

इन तीन चीजों से बचें
प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन से कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. इसके साथ ही तीन तरह की फूड कैटेगरी हम आपको बता रहे हैं जो कैंसर का कारण बन सकती है. इन्हें जान लें और इनसे दूरी बनाएं, जिससे आप इस गंभीर समस्या से बच सकते हैं.

  • फिजी और सॉफ्ट ड्रिंक
  • जंक फूड या फास्ट फूड
  • अल्कोहल

फिजी और सॉफ्ट ड्रिंक
आजकल यूवा पीढ़ी बात-बात में पार्टियों के नाम पर फिजी और सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करते हैं. इससे वजन और मोटापे बढ़ता हैं. एक्स्ट्रा वेट दोनों आंत, ब्रेस्ट, अग्न्याशय के कैंसर का खतरा बढ़ जाता.

जंक फूड या फास्ट फूड
इस कैटेगरी में चिकन, चिप्स, कुरकुरे, पिज्जा और बर्गर होते हैं. ये प्रोसेस्ड फूड्स फैट और शुगर से भरे होते हैं. इससे कोलोरेक्टल, श्वसन तंत्र, होंठ, मुंह, जीभ, नाक, गला, वोकल कॉर्ड्स और अन्नप्रणाली और श्वासनली के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
अल्कोहल
शराब कैंसर के साथ और कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ये पेट, स्तन, लीवर, मुंह और गले के कैंसर का कारण बन सकता है. इससे एसीटैल्डिहाइड रसायन होता है, जिससे डीएनए को नुकसान पहुंचता है, जिससे शरीर की रिकवरी रुक जाती है.

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