गणेश चतुर्थी 2022 : गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गणपति की मूर्ति स्थापना की जाती है और विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। गणपति बप्पा को 9 दिनों तक घर पर या पंडालों में रखा जाता है और गणेश चतुर्दशी के दिन विसर्जित कर दिया जाता है। ये त्योहार महाराष्ट्र समेत देश के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है। इस गणेश चतुर्थी को भाद्रपद की विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के छोटे पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था । इस वजह से हर साल इस तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।

गणेश चतुर्थी तिथि 2022

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 30 अगस्त मंगलवार को 3 बज के 33 मिनट पर हो रहा है और 31 अगस्त बुधवार को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर इस तिथि का समापन हो रहा है। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर गणेश चतुर्थी व्रत 31 अगस्त को रखा जाएगा।

गणेश चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त

31 अगस्त को गणेश चतुर्थी की पूजा का समय दिन में 11:05 से दोपहर 1:38 तक है। इस दिन रवि योग सुबह 5 बजकर 58मिनट से लेकर देर रात 12बजकर 12 मिनट तक है। यह योग मांगलिक कार्यों के लिए बहुत शुभ होता है।

गणपति स्थापना और विसर्जन

31 अगस्त को गणपति स्थापना किया जाएगा। आप पूजा मुहूर्त में 11:05 बजे से दोपहर 1:38 बजे के बीच गणपति स्थापना कर सकते हैं। इसके बाद 9 सितंबर दिन शुक्रवार को गणेश चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन होगा।

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना वर्जित होता है, क्योंकि यह भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी है। इस दिन चंद्रमा का उदय सुबह 9:26 पर होगा। इस दिन चंद्रमा को देखने से झूठा कलंक लगता है।

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