Female prisoners in jails are getting pregnant.. 196 children were given birth in jail, Supreme Court took cognizance

नई दिल्ली। देशभर की जेलों में महिला कैदी गर्भवती हो रही है। इस खबर पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए स्वतः संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से इस मामले पर तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया है. गुरुवार 8 फरवरी को पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने का मुद्दा हाईकोर्ट में उठाया गया था.

गर्भवती महिला कैदी ने 196 बच्चे को दिया जन्म

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता गौरव अग्रवाल से इस मुद्दे पर कोर्ट की सहायता करने का निर्देश दिया।कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले को आपराधिक मुकदमों की सुनवाई करने वाली खंडपीठ को स्थानांतरित करने का आदेश दिया. इसमें कोर्ट द्वारा नियुक्त एमाइकस क्यूरे (न्याय मित्र) ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल के सुधार गृहों में बंद कुछ महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं. इसलिए 196 बच्चे इस तरह के विभिन्न सुधार गृहों में रह रहे हैं.

जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने की खबर पर सुप्रीम कोर्ट का रुख संवेदनशील और सख्त है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की जेलों में महिला कैदियों के गर्भवती होने की खबरों पर एमिक्स क्यूरी से रिपोर्ट मांगी. पीठ ने अग्रवाल से कहा कि वो इस मुद्दे को देखे और इस पर रिपोर्ट दाखिल करें.

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