नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले हैं। वाराणसी से उन्हें चुनौती देने के लिए मैदान में हिमांगी सखी उतरेंगी। हिमांगी सखी वाराणसी लोकसभा सीट से अखिल भारत हिंदू महासभा की घोषित उम्मीदवार हैं। वाराणसी से चुनाव लड़ने वाली हिमांगी सखी ने बताया कि वह किन्नरों के हक के लिए मैदान में उतरी हैं। देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में सबसे अंतिम सातवें चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान होना है।

अखिल भारत हिंदू महासभा की ओर से हिमांगी सखी वाराणसी से चुनाव लड़ने वाली है। वाराणसी से हिमांगी सखी जी की खुद चुनाव लड़ने की इच्छा थी और वह बाबा विश्वनाथ की भक्त भी हैं। इसलिए उनको वहीं से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया गया है और आगामी 12 अप्रैल को वे वाराणसी पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का भी आशीर्वाद लेंगी। उन्होंने बताया कि उनके संगठन ने राम जन्मभूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है और मुख्य पक्षकार भी रही है।

लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हिंदू महासभा को नकार दिया और ट्रस्ट में शामिल करना तो दूर की बात थी। उन्होंने बताया कि हिंदू जनमानस को जागृत करना ही उनके संगठन का मकसद है, जबकि यह सरकार हिंदू और सनातन के नाम पर लोगों का वोट लेती है। वाराणसी से अखिल भारत हिंदू महासभा की घोषित उम्मीदवार हिमांगी सखी ने बताया कि वह पहली बार किन्नर समाज के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं।

वे चाहती हैं कि लोकसभा और विधानसभा में किन्नरों के लिए सीटें आरक्षित हो और किन्नर समाज भी अपनी बात रख सकें. आज भी किन्नर समाज भीख मांगकर या तो फिर वेश्यावृत्ति से जुड़कर अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए मजबूर हैं. सरकार ने किन्नर समाज को आगे बढ़ाने के लिए किसी तरह का मार्ग प्रशस्त नहीं किया है. उन्होंने आगे बताया कि वह आगामी 12 अप्रैल को काशी जाएंगी और बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद मीडिया से भी मुखातिब होंगी।

कौन हैं हिमांगी सखी?
हिमांगी सखी किन्नखर महामंडलेश्ववर हैं. वह 5 भाषाओं में भागवत कथा सुनाने के लिए जानी जाती हैं. साथ ही वह किन्नशर समाज और उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ती आई हैं. हिमांगी सखी ने कहा कि किन्नर समाज को उनका अधिकार व सम्मान दिलाने के लिए वह चुनावी मैदान में उतरी हैं. प्रधानमंत्री का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारा अच्छा है लेकिन ‘किन्नर बचाओ-किन्नर पढ़ाओ’ की आवश्यकता नहीं समझी गई।

पीएम मोदी के विरोध में नहीं
उन्होंोने कहा कि देश में किन्नमर समाज की स्थिति दयनीय है. किन्नओर समाज के लिए भी एक सीट आरक्षित होनी चाहिए. किन्नीर समाज अपनी बात लोकसभा और विधानसभा तक कैसे पहुंचा सकता है, किन्नकर समाज की भलाई के लिए ही अब धर्म से राजनीति में कदम रखने जा रही हूं. उन्होंेने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री के विरोध में नहीं हैं, उन्हों ने भी धर्म का काम किया है. बता दें कि वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने अजय राय को प्रत्याधशी बनाया है. सपा कांग्रेस के समर्थन में इस बार लोकसभा चुनाव लड़ रही है।

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