जामताड़ा: अलकतरा घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को तीन इंजीनियरों को 6-6 साल और दो अन्य को 5-5 साल कारावास की सजा सुनाई। पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) के ईई प्रकाश चंद्र सिंह, एई एंथोनी तिग्गा व जेई नरेश प्रसाद सिंह को 6 साल और पी एंड एस कंपनी के प्रोपराइटर प्रमोद कुमार सिंह व सप्लायर मनोज कुमार भगत को 5 साल की सजा सुनाई गई। सीबीआई के विशेष जज रजनीकांत पाठक की अदालत ने सोमवार को इन सभी को षड्यंत्र रचकर जालसाजी करने का दोषी करार दिया था। हर इंजीनियर पर 1.8 लाख रुपए और दो अन्य पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। मुजरिमों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। ईई प्रकाश चंद्र और एई एंथोनी तिग्गा अब रिटायर हो चुके हैं।

क्या है मामला

जामा-जामताड़ा-रूपनारायणपुर रोड की मरम्मत से जुड़ा है। पांच लोगों पर 9.59 लाख रुपए के अलकतरा घोटाले का आरोप है। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर रांची सीबीआई ने 18 मार्च 2010 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी। प्राथमिकी में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि ठेकेदार ने अफसरों की मिलीभगत से अलकतरा खरीद के फर्जी बिल के आधार पर भुगतान हासिल कर लिया। सीबीआई ने दावा किया था कि जिस बिल के आधार पर भुगतान लिया गया था, उसे इंडियन ऑयल कंपनी ने जारी ही नहीं किया था। 28 अप्रैल 11 को आरोप पत्र दायर किया था और 20 जुलाई 16 को कोर्ट में आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी। सीबीआई के विशेष अभियोजक चंदन कुमार सिंह ने इस मामले में 11 गवाहों का परीक्षण कराया था।

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